नई दिल्ली। कागजों पर मजबूत विराट के धुरंधरों का दूसरी पारी में टेस्ट क्रिकेट में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर ढेर हो जाना हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी को लंबे समय तक खलेगा। तेज और उछाल भरी गेंदों के सामने भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। एक बल्लेबाज दहाई का अंक नहीं पार कर सका। टीम ढाई दिन में टेस्ट हार गई। गुलाबी गेंद से खेले जा रहे मैच में तीसरे दिन तो दूधिया रोशनी की जरूरत ही नहीं पड़ी। भारतीय टीम को दिन-दहाड़े हार मिली। आठ विकेट से मैच हारने के बाद टीम इंडिया को सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि इतिहास उसके खिलाफ है।
दरअसल, भारत टेस्ट इतिहास में एशिया के बाहर श्रृंखला का पहला मैच हारने के बाद सीरीज नहीं जीत सकी है। इससे पहले 34 द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज में पहला मैच हारकर भारत 31 बार सीरीज गंवा चुका है। जबकि तीन बार भारत ने विपक्षी टीम के साथ सीरीज ड्रॉ कराई। 88 वर्ष के टेस्ट इतिहास में भारत 36 रन पर सिमटने के बाद अपना सबसे न्यूनतम स्कोर बनाया था। 96 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम के बल्लेबाज दहाई के अंक में नहीं पहुंच सके, इससे पहले 1924 में दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन इतना खराब था तब वह टीम 30 रन पर आउट हो गई थी।
46 साल का सबसे खराब प्रदर्शन
इससे पहले भारतीय टीम का न्यूनतम स्कोर 42 रन था, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ 1974 में लॉर्ड्स में 17 ओवरों में सिमट गई थी। दूसरी पारी में तो बल्लेबाज महज 21.2 ओवर ही टिक सके। भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाए थे। विराट कोहली की टीम का स्कोर टेस्ट क्रिकेट में संयुक्त पांचवां न्यूनतम स्कोर है।
लगातार तीसरा टेस्ट तीन दिन में हारे
भारत ने लगातार तीसरा टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर गंवाया। इससे पहले इस साल के शुरू में उसने न्यूजीलैंड में तीन दिन के अंदर दो टेस्ट मैच गंवाये थे। भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज ढोते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडिलेड के प्रदर्शन ने ली है। गावस्कर की तरह वर्तमान क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली भी यह दिन भूलना चाहेंगे।
26 रन पर गंवा दिए थे 8 विकेट
एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था, लेकिन हनुमा विहारी (08) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकॉर्ड की बराबरी करने से बच गई। विराट कोहली पहली बार टॉस जीतकर कोई टेस्ट मैच हारे हैं। कोहली ने 2015 में टेस्ट टीम की कमान संभाली थी। तब से अब तक 26 मैच में टॉस जीता है। इस दौरान उन्होंने 21 टेस्ट जीते, चार ड्रॉ रहे और एक में हार मिली है।