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टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम पदक जीतने उतरेगी : युवराज वाल्मीकि

भारतीय हॉकी के “प्रिंस” युवराज वाल्मीकि ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की जीत की संभावनाओं बारे में जनकारी साझा करते हुए बताया कि रियलिटी शो – “खतरों के खिलाड़ी” में उनका अनुभव भी शामिल है। इस दौरान उन्होंने हॉकी खेलना शुरू करने के शुरुआती दिनों के संघर्ष के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे वह मुंबई में 10×10 के कमरे में पले-बढ़े, जहां बिजली और पानी की बेहतर सुविधा नहीं थी और किस तरह उन्होंने अपने जुनून को बनाए रखा।

युवराज ने कहा, “मेरा कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है, मैं एक बेहतर इंसान बनने के लिए खुद से प्रतिस्पर्धा करता रहता हूं और हर दिन कड़ी मेहनत करता हूं। अंत में, मुझे इसका शानदार परिणाम मिला और सीने पर तिरंगे का बैज पहनना शायद हर खिलाड़ी का सबसे बड़ा सपना होता है।”

युवराज आगामी ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की संभावनाओं को लेकर काफी आशान्वित हैं। हॉकी खिलाड़ी ने कहा, “एक बात मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि भारतीय हॉकी अभी श्रीजेश और मनप्रीत (सिंह) के तहत शानदार प्रदर्शन कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि, यदि टोक्यो ओलंपिक का आयोजन होता है तो भारतीय हॉकी टीम इस बार पदक जीतेगी, मेरे दिल में यह दृढ़ विश्वास है।”

भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 8 स्वर्ण पदक जीते हैं – जो कि खेलों के इतिहास में किसी भी टीम द्वारा जीते गए सबसे अधिक स्वर्ण पदक हैं। युवराज का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर पदक जीतना भारत में हॉकी खिलाड़ियों को मौजूदा जनरेशन में वो महत्व दिलाने में मदद करेगा जो कि अभी तक भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को नहीं मिला है। क्योंकि हमारे देश में किसी भी अन्य खेल की तुलना में क्रिकेट को तरजीह दी जाती है।

2011 “भारतीय हॉकी के प्रिंस” के लिए एक सफल वर्ष था क्योंकि उन्होंने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहां वह पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में एक स्टार बनकर उभरे थे। विशेष रूप से, भारत ने रेगुलेशन और एक्स्ट्रा टाइम में कोई स्कोर नहीं किया था लेकिन उसके बाद पेनल्टी शूटआउट में पाकिस्तान को हराकर टूर्नामेंट जीता था। युवराज ने इस तरह के ऐतिहासिक मैच का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की और कहा, “जब भारतीय झंडा फहराया जा रहा था और पाकिस्तान का झंडा नीचे आ रहा था, उस वक्त मुझे लगा कि मैंने देश के लिए कुछ किया है क्योंकि हमारा राष्ट्रीय ध्वज मेरी वजह से उठाया जा रहा था। ”

उन्होंने भारत-पाकिस्तान मैचों के दौरान परिदृश्य पर भी खुल कर बात की। “भारत बनाम पाकिस्तान हमेशा एक विशेष मैच होता है। उस दौरान कोई रणनीति काम नहीं करती क्योंकि भावनाएं ही इतनी बड़ी भूमिका निभाती हैं। हम हमेशा से उनके लिए कड़ी चुनौती रहे हैं। पाकिस्तान हॉकी टीम के सदस्य भी मेरे दोस्त हैं। जब खेल की बात आती है, तो हम सभी अच्छे दोस्त की तरह मिलते हैं, लेकिन जब हम अपना पैर मैदान पर रखते हैं, तो हम बाएं या दाएं नहीं देखते हैं, हम सिर्फ उस मैच को जीतने पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि हम किसी भी कीमत पर उनके खिलाफ नहीं हार सकते।”

युवराज हॉकी के क्षेत्र में तो असाधारण खिलाड़ी रहे ही हैं, लेकिन मनोरंजन की दुनिया में भी उन्होंने हाथ आजमाया है। उन्होंने एक वेब सीरीज में काम किया है और रियलिटी शो “खतरों के खिलाड़ी” का भी हिस्सा थे। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अपने अनुभव साझा करते हुए, युवराज ने कहा, “यह बहुत शानदार अनुभव होता है जब आप कोई चीज करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं, यह हमेशा स्पेशल होता है। मैं ज्यादातर मामलों में ऐसा करने वाला पहला हॉकी खिलाड़ी रहा हूं। यह अनुभव अद्भुत था, मुझे बॉलीवुड को जानने का मौका मिला और जब मैंने खतरों के खिलाड़ी किया, तब से टीवी इंडस्ट्री में मेरे बहुत सारे दोस्त बनें। आज जय भानुशाली, राघव और भी दोस्त मेरे परिवार जैसे हैं।” 8 साल तक जर्मन हॉकी लीग में खेल युवराज वाल्मीकि ने कुल 52 मैच खेले हैं और भारत के लिए 14 गोल किए हैं। वह नीदरलैंड में 2014 हॉकी विश्व कप टीम के प्रमुख सदस्य थे।

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