वेस्टलैंड बुक्स के लोकप्रिय क़िस्सागो, गीतकार और भारत के पहले ग्रामीण समाचार पत्र गाँव कनेक्शन के सह-संस्थापक, नीलेश मिसरा की कविताओं की नई किताब ‘मैं अक्सर सोचता हूँ’ के विमोचन की घोषणा करते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है। इस किताब को वेस्टलैंड बुक्स की भाषा इकाई एका द्वारा नीलेश मिसरा के गाँव कनेक्शन के साथ साझेदारी में प्रकाशित किया गया है।
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यह ‘स्लो इंप्रिंट’ के लॉन्च का भी प्रतीक है, जिसके तहत इस महीने के अंत में नीलेश मिसरा द्वारा चयनित और प्रस्तुत की गई चार अन्य किताबें भी शामिल होंगी। इनमें डॉ शिव बालक मिश्रा की गाँव से बीस पोस्टकार्ड, अनुलता राज नायर की जंगली फूलों सी लड़की, छवि निगम, वृषाली जैन, शिखा द्विवेदी और अनुलता राज नायर की कहानियों का संकलन कालजयी: कहानियाँ वेदों पुराणों से और अनुलता राज नायर, दीपक हीरा रंगनाथ, अनीता सेठी और दीक्षा चौधरी की कहानियों का संकलन मैजिक बॉक्स शामिल हैं।
जो बात इस प्रकाशन को एक महत्वपूर्ण साहित्यिक घटना बनाती है वह यह है कि नीलेश मिसरा पहली बार अपनी कविताओं को एक पुस्तक के रूप में आपके सामने ला रहे हैं। यह काव्य-संग्रह नवंबर में ऑनलाइन और ऑफ़लाइन बुकस्टोर्स पर उपलब्ध हो जाएगा। पुस्तक की एक और ख़ासियत है इसके कवर पर दिया गया क्यू आर कोड, जो पाठकों को उनकी कविताओं, ग़ज़लों और गीतों की रिकॉर्डिंग की लाइब्रेरी में ले जाएगा।
लेखक, कहानीकार और गीतकार नीलेश मिसरा ने कहा, हमें पिछले एक दशक से भी अधिक समय से ऑडियो कहानियों के ज़रिए लाखों लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। श्रोताओं ने अक्सर हमसे प्रकाशित पुस्तकें लाने का भी आग्रह किया।
इसलिए, यह बेहद ख़ुशी की बात है कि हम सभी आयु वर्गों के लिए और कई विषयों पर पुस्तकों की एक शृंखला के माध्यम से क़िस्सागोई को एक नए अवतार में प्रस्तुत करने के लिए वेस्टलैंड बुक्स के साथ स्लो इंप्रिंट लॉन्च करके प्रकाशन जगत में क़दम रख रहे हैं। मैं स्लो इंप्रिंट का लेखक और पाठक दोनों बनने के लिए उत्सुक हूँ।
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मिनाक्षी ठाकुर (प्रकाशक भारतीय साहित्य, वेस्टलैंड बुक्स) ने कहा, वेस्टलैंड बुक्स में हम लगातार अपने पाठकों को विभिन्न भाषाओं की आवाज़ों और कार्यों से परिचित कराने का प्रयास करते हैं। वेस्टलैंड एक अखिल भारतीय प्रकाशक होने के नाते नीलेश मिसरा और उनकी लेखक मंडली के साथ साझेदारी करके काफ़ी ख़ुश है जो एक बड़े श्रोतावर्ग की नब्ज़ समझते हैं। वे लंबे समय से रेडियो और अन्य ऑडियो प्लेटफ़ॉर्मों के लिए कहानी कहने की कला को निखार रहे हैं।
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आने वाले महीनों में हम स्लो इंप्रिंट के साथ बच्चों और वयस्कों के लिए सभी शैलियों में हिंदी किताबें प्रकाशित करेंगे, और फिर इस प्रिंट के दायरे का विस्तार करते हुए अंग्रेज़ी में भी इन्हें पाठकों के लिए उपलब्ध कराएंगे। नीलेश मिसरा भारत के सबसे प्रिय क़िस्सागो हैं, जिन्होंने 2011 में बिग एफएम पर अपने रेडियो शो ‘यादों का इडियट बॉक्स’ के ज़रिए देश में खो चुकी मौखिक कहानियों की कला को फिर से जीवित किया।
इस शो की आज भी देशभर में हर उम्र के लोगों के बीच एक कल्ट फॉलोइंग है। अब तक उन्होंने विभिन्न मंचों पर 150 मिलियन से ज़्यादा श्रोताओं तक अपनी कहानियां पहुंचाई हैं। उनकी लोकप्रियता देश के हर वर्ग, उम्र और क्षेत्र में फैली हुई है। बच्चों और किशोरों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर पीढ़ी के लोग उनके विविध कामों के लिए उन्हें बेहद पसंद करते हैं।
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नीलेश हिंदी फ़िल्म गीतकार भी हैं, जिन्होंने लगभग 40 फ़िल्मों में कई सुपरहिट गाने लिखे हैं। उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं और एक शीर्ष पत्रकार रहे हैं, जिनके नाम पर भारत के सर्वोच्च पत्रकारिता पुरस्कार हैं। एक सामाजिक उद्यमी के रूप में, वे ‘गाँव कनेक्शन’ चलाते हैं, जो भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण संचार प्लेटफ़ॉर्म है और 480 ज़िलों समेत देश के हर राज्य में इसकी मौजूदगी है।
नीलेश ‘स्लो’ नाम का एक जीवनशैली ब्रांड भी चलाते हैं, जो लोगों को धीमी गति से जीवन जीने, अपनी जड़ों से जुड़े रहने और एक संतुलित, ध्यानमय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इस विचार की प्रमुख अभिव्यक्ति उनका शो ‘द स्लो इंटरव्यू’ है, जिसे लाखों लोग देखते हैं और इसकी एक अलग ही फैन फॉलोइंग है।
v अपने अनोखे क़िस्सागोई अंदाज़ के लिए मशहूर हैं, जिसमें लोककथाओं, पुरानी यादों और सामाजिक मुद्दों का समावेश होता है। वे एक प्रमुख बदलावकर्ता भी हैं, जिन्होंने लगातार नए और नवाचारी कॉन्टेंट आइडियाज़ से लाखों लोगों की ज़िंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है और पिछले ढाई दशकों में कई पीढ़ियों की ज़िंदगी बदल दी है।