cement warehouse में सीमेंट की बोरियों के नीचे दो मजदूरों की दबकर मौत हो गई। इसके साथ इस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया। जिसमें जांच के लिए मौके पर पहुंचे दरोगा मामले को छोड़कर सेल्फी लेने में मस्त हो गये। दरअसल लखनऊ में एक हादसे के बाद मौके पर पहुंची उत्तर प्रदेश पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। रविवार सुबह लखनऊ के तालकटोरा इलाके में एक निजी सीमेंट गोदाम में दो मजदूरों की मौत के बाद हड़कंप मच गया। यह हादसा सीमेंट की बोरियां उतारते समय हुआ। दोनों मजदूरों की बोरियों में दबकर मौत हो गई।
cement warehouse, मानवता और जिम्मेदारियों की उड़ा दी धज्जियां
गोदाम हादसे में तालकटोरा थाने की पुलिस शिकायत के बाद मौके पर सहायता और कार्रवाई के लिए पहुंची थी। लेकिन इसी दौरान दरोगा मृतकों और घायलों को निकालने के बजाय अपनी सेल्फी लेने में मस्त हो गये। उनकी संवेदनहीनता ने एक ओर जहां मानवता को शर्मशार करने वाली घटना को अंजाम दिया। वहीं अपनी जिम्मेदारी को ताक पर रखने का साक्षात प्रमाण भी पेश कर दिया कि इनकी कार्यशैली में मदद का मायने क्या होता है? इसे देखने के बाद यही लगता है अंग्रेजों के जमाने के बनाये गये कानून का ही पुलिस पालन कर रही है। सुधार आयोग को वह अभी तक सुधार नहीं पाई है। जिसमें सुधार होना अति आवश्यक है। जिससे मानवता को बरकरार रखा जा सके।
घायलों को अस्पताल में कराया भर्ती, मौत
पुलिस के अनुसार थाना तालकटोरा क्षेत्र में राहुल ट्रेडर्स के नाम से सीमेंट का गोदाम है। रविवार को डिलीवरी के लिए मजदूर सीमेंट की बोरियों को लोडर में रख रहे थे। उसी समय अचानक कई बोरियों की लाइन खिसक कर मजदूरों पर आ गिरी। जिसमें 40 वर्षीय सुल्तान और 60 वर्षीय अर्जुन बोरियों के नीचे दब गये। जिससे दोनों गंभीर घायल हो गये। जिन्हें बचाने के लिए अन्य मजदूरों ने प्रयास किया। जिससे उन्हें के लिए आरएलबी अस्पताल ले गये। लेकिन इलाज के दौरान ही दोनों ने दम तोड़ दिया।