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प्रगतिशील कृषि से प्रेरणा

        डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

केंद्र व उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सतत प्रयास कर रही है। इसमें कृषि की लागत को कम करने,मृदा परीक्षण के अनुरूप ही खाद व पानी का प्रयोग करने और फसल चक्र में परिवर्तन संबन्धी प्रयास शामिल है।

देश के अनेक क्षेत्रों में परमरागत फसल से अलग प्रयोग करने के उत्साहजनक परिणाम दिखाई दे रहे है। लखनऊ राज भवन में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 के माध्यम से भी किसानों को प्रगतिशील कृषि का सन्देश दिया जा रहा है।

जैविक खेती के लाभ

सरकार जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने का भी प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कहा कि जैविक खेती में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। इसे बढ़ावा देना वर्तमान समय की मांग है। जैविक खेती अपनाने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा किया जा सकता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दिया जा रहा है। इस प्रकार की प्रदर्शनी में चार वर्ष पहले तक जैविक कृषि को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। चार वर्ष में स्थितियां बदली है। प्रदर्शनी में पारम्परिक फल,सब्जी,पुष्प उत्पाद के प्रदर्शन के अलावा जैविक फल,सब्जी, पुष्प का भी प्रदर्शन किया गया है।

विविधीकरण से बढ़ी आमदनी

प्रदेश में अनेक किसान विविधीकरण के माध्यम से बेहतर उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है। इन्होंने कृषि को बहुत लाभप्रद बनाया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने बढ़ाने में कृषि की लागत कम करते हुए उत्पादन में बढ़ोत्तरी तथा कृषि विविधीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे किसानों की आय तेजी से बढे़गी।

झांसी की एक छात्रा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दे रही है। गत माह वहां स्ट्रॉबेरी महोत्सव आयोजित किया गया। बुन्देलखण्ड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया सन्देश है। प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड में स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती का उल्लेख किया था। डेढ़ एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई गई।जिसमें उसकी लागत छह लाख रुपए आयी, जबकि फसल चालीस लाख रुपए में बिकी।

इस प्रकार विविधीकरण के माध्यम से उस किसान को चौतीस लाख रुपए की आय हुई। किसान इस प्रकार के नए प्रयोगों और कृषि विविधीकरण से अपनी आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट और ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों का भी उल्लेख किया। ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों को उनकी उपज का मूल्य सात सौ रुपए प्रति किलो मिल रहा है।

अनेक विभागों की सहभागिता

बागवानी फसलों की विविधता को एक स्थान पर जनसाधारण को दिखाए जाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है।

इस प्रदर्शनी में मुख्य रूप से उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, राजभवन, एचएएल, अधीक्षक राजकीय उद्यान, लखनऊ नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन तथा प्रदेश के विभिन्न अंचलों के किसानों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

जेल में उत्पादित शाकभाजी तथा व्यक्तिगत वर्ग के तहत गमलों में उगायी गयी सब्जियों तथा सजीव फूलों से बनी आकृतियों का प्रदर्शन इस आयोजन के प्रमुख आकर्षणों में सम्मिलित है। प्रदर्शनी में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा एक स्मारिका का विमोचन किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए फल,शाकभाजी एवं पुष्प स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

कार्यक्रम के दौरान उद्यान राज्य मंत्री श्रीराम चौहान, मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मनोज सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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