ज्ञानदान संसार का सबसे बड़ा दान है : उमानन्द शर्मा
लखनऊ (दया शंकर चौधरी)। गायत्री ज्ञान मंदिर (Gayatri Gyan Mandir) इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान (Vichar Kranti Gyaan Yagna Abhiyan) के अन्तर्गत ‘आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी, जज़्जौर, मनावा, सीतापुर’ (Aryakul College of Pharmacy, Jhajjar, Manawa, Sitapur) के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 437वाँ ऋषि वाङ्मय (437th Rishi literature of Complete 79 Volumes) की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री मीरा वर्मा ने अपने सम्मानित पूर्वजों की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्ष एवं अधिकारियों को अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ज्ञानदान संसार का सबसे बड़ा दान है।” गायत्री परिवार की श्रीमती उषा सिंह एवं आर्य टी०वी० के प्रमुख डॉ0 अजय कुमार शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का समापन संस्थान की निदेशिका डॉ0 स्तुति वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।
इस अवसर पर संस्थान की निदेशिका डॉ स्तुति वर्मा, आर्य टीवी के प्रमुख डॉ अजय कुमार शुक्ला, आर्य प्रवाह समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार पं बृजेश मिश्रा, गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, सावित्री शर्मा, मीरा वर्मा, विमलेश मिश्रा सहित कॉलेज के संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।