भारतीय परंपरा में महान विभूतियों ने समय समय पर समाज का मार्ग दर्शन किया। उन्हें किसी पर अन्याय ना करने और आतताइयों के अन्याय के सामने ना झुकने का सन्देश दिया। ऐसी महान विभूतियों में गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह का नाम अमर है। इन्होंने धर्म और राष्ट्र रक्षा का अनूठा उदाहरण समाज के सामने रखा।
ऐसी विभूतियों के नाम पर मार्ग और द्वारा बनाना भी प्रेरणादायक होता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल तो सदैव महापुरुषों से प्रेरणा लेने का आह्वान करती है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि महान विभूतियों की शिक्षाओं पर अमल से भारत को पुनः विश्व गुरु बनाया जा सकता है।
गुरु तेग बहादुर ऐसी ही महान विभूति थे। गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने तत्कालीन शासक वर्ग की नृशंस एवं मानवता विरोधी नीतियों को कुचलने के लिए बलिदान दिया। मानवता के शिखर पर वही मनुष्य पहुंच सकता है,जिसने ‘पर में निज’ को पा लिया हो। गुरू तेग बहादुर सिंह जी का आदर्श जीवन हम सभी को ईश्वरीय निष्ठा के साथ समता, करूणा, प्रेम, सहानुभूति, त्याग और बलिदान जैसे मानवीय गुणों के लिये प्रेरित करता है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी ने समाज से जुल्म और पाप को समाप्त करने का बीड़ा उठाया और गरीबों एवं असहायों की रक्षा के लिये सदैव तत्पर रहे। उन्हें विश्व का सबसे बड़ा बलिदानी पुरूष कहा जाता है। गुरु गोविन्द सिंह जी ने सदा प्रेम, एकता,भाईचारे का संदेश दिया यदि किसी ने गुरु जी का अहित करने की कोशिश भी की तो उन्होंने अपनी सहनशीलता,मधुरता और सौम्यता से उसे परास्त कर दिया।
वह बचपन से ही सरल, सहज,भक्ति भाव वाले कर्मयोगी थे। उनके जीवन का प्रथम दर्शन ही था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य की सदैव विजय होती है। राज्यपाल जी ने कहा कि हम सभी को देश के महापुरुषों व संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। हमारे संविधान में सभी को अपनी आस्था के अनुसार पूजा।पाठ करने एवं उसे मानने का अधिकार दिया गया है। हमारी भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः की रही है।
इसलिये हमे महापुरूषों की शिक्षाओं से प्रेरणा प्राप्त कर सत्य, प्रेम,अहिंसा,शांति, एकता और सद्भाव के रास्ते पर चलकर देश को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग देना चाहिये। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के राजेन्द्र नगर में लखनऊ नगर निगम के सहयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यालय भारती भवन के सामने सिक्ख धर्म के गुरु गोविन्द सिंह जी के नाम से नवनिर्मित गुरू गोविन्द सिंह द्वार तथा गुरू तेग बहादुर सिंह मार्ग का लोकार्पण किया। विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने भारतीय संस्कृति के समस्त गुरूओं को नमन किया।
उन्होंने कहा कि गुरु परम्परा भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्परा है। जिसने देश की रक्षा हेतु समाज को तैयार किया। सभी समुदायों को राष्ट्र हित में सभी वर्गों को आगे आकर अपना सर्वोत्तम योगदान देना चाहिये। महापौर संयुक्ता भाटिया ने समस्त गुरूओं को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा में सिक्ख समाज हमेशा आगे रहा है। सभी गुरुओं ने राष्ट्र की रक्षा हेतु समाज को तैयार किया। धर्म और राष्ट्र की रक्षा हेतु हमारी बलिदानी परम्परा इसका अनूठा उदाहरण है। सभी लोगों का यह कर्तव्य है कि परिवार के साथ साथ समाज और देश के विकास के लिये तन,मन,धन से समर्पित होकर कार्य करें।