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जनता की सुनने के बजाय अपने मन का कर रही सरकार : राजेन्द्र चौधरी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकारें जिस तरह संविधान और लोकतंत्र का मजाक बना रही हैं और असहमति को देशद्रोह बता रही है उससे जनसामान्य में न केवल असंतोष है अपितु गहरा आक्रोश भी है। प्रसार माध्यमों पर सरकारी शिकंजा कसा होने से अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार हो रहे हैं। जनता के मन की बातें सुनने के बजाय सत्ता अपने मन की बातें थोप रही है। विपक्षी नेताओं विशेष कर समाजवादी पार्टी के विरूद्ध प्रचार माध्यमों का अभियान जोर शोर से चल रहा है। ज्यादातर चैनलों पर भाजपा का कब्जा है। हद तो तब हो गई जब एक टीवी चैनल की बहस में भाजपा के प्रवक्ता द्वारा समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया के साथ दुर्व्यवहार किया और चैनल की डिबेट से उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज कर अपमानित और प्रताड़ित किया गया।

भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाने पर उतारू : राजेन्द्र

राजेन्द्र चौधरी ने कहा नासिक में 51 पैसे किलो प्याज बिक गया। किसान की दुर्दशा तो अपनी जगह है लेकिन यहां तो जल्दी नेता बनने के चक्कर में ज्यादा प्याज खा रहा है। लोकतंत्र में इस तरह की कार्यवाही अवांछनीय, असंवैधानिक और अनैतिक है। भाजपा इस तरह विपक्ष की असहमति की आवाज को दबाने और आतंकित करने को उतारू है। यह बात तो अब स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के साथ आने से भाजपा के लिए समस्यां हो सकती हैं। प्रदेश में जिस तरह कानूनव्यवस्था ध्वस्त है, बेखौफ अपराधी अब थानों पर और पुलिस अफसरों पर हमले करने लगे हैं उससे सभी दहशत में है। किसान को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। नौजवान बेकारी से जूझ रहा है। महिलाओं-बच्चियों की इज्जत सुरक्षित नहीं। विकास ठप्प है। जनता अखिलेश यादव जी को याद कर रही है कि समाजवादी सरकार के समय ही विकास कार्य हुए थे।

लोकतंत्र के लिए कठिन चुनौती का समय

उन्होंने कह भाजपा का षड़यंत्र समाजवादी पार्टी को कमजोर करना है। इसके लिए वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दबाव की राजनीति भी अपना रही है। विपक्षी एकता को तोड़ने के लिए वह साजिशें रच रही है। अफवाहें फैला रही है। जनता इन साजिशों से वाकिफ हो रही है। लोकतंत्र के लिए यह कठिन चुनौती का समय है। स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और आदर्शों को परे रखकर भाजपा सिर्फ सत्ता के दुरूपयोग में लगी है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। आपसी भाईचारे को नष्ट किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार

उत्तर प्रदेश के गरीबों, किसानों, नौजवानों ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में आरएसएस की साजिशों और नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ संघर्ष करने का निर्णय कर लिया है। इसका एक प्रदर्शन तो मतदाताओं ने पहले ही उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में कर दिया था। उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार तो दो कदम भी नहीं चल पाई है और 20 महीनें में ही पटरी से उतर गई है। भाजपा लाख कोशिशें कर लें, लेकिन 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में उसका उत्तर प्रदेश में सफाया होना तय है। मतदाता ने अपना मन बना लिया है और संकल्प भी कर लिया है कि वो भाजपा को फिर सत्ता में नहीं आने देगी।

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