हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक तरीके से काम करते रहने के लिए नियमित रूप से आहार के माध्यम से कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अक्सर हम सभी कुछ खास प्रकार के विटामिन्स और प्रोटीन्स की तो चर्चा कर लेते हैं, पर इसी तरह आवश्यक मिनरल्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर ज्यादा बात नहीं की जाती है। आयोडीन ऐसा ही एक अति आवश्यक मिनरल है जिसकी अगर शरीर में कमी हो जाए तो यह थायराइड विकारों का कारण बन सकती है, इतना ही नहीं इसकी गंभीर कमी की स्थिति आपके ब्रेन को भी डैमेज कर देती है।
हमारी सेहत में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 अक्तूबर को वर्ल्ड आयोडीन डिफिशिएंसी डे मनाया जाता है। क्या आपके आहार में शरीर के लिए आवश्यक मात्रा में आयोडीन है? आइए जानते हैं कि ये हमारे लिए क्यों जरूरी है और आहार से आयोडीन की पूर्ति कैसे की जा सकती है?
आयोडीन की कमी क्यों होती है?
थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम करने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। शरीर को थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। शरीर में स्वयं से आयोडीन उत्पन्न नहीं होता है, इसे भोजन से प्राप्त करने की जरूरत होती है। नमक के माध्यम से हमें शरीर के लिए आवश्यक आयोडीन मिल जाता है। जो लोग मछली या डेयरी का सेवन नहीं करते हैं जैसे वेगन डाइट का पालन करने वाले लोग, उनमें आयोडीन की कमी होने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
गंभीर समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है आयोडीन की कमी
यदि आपको पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलता है, तो शरीर में थायराइड हार्मोन नहीं बन पाता है। यह स्थिति कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। इससे गर्भपात होने, जन्म दोष, बच्चे के विकास की समस्या, बौद्धिक विकलांग्ता का खतरा रहता है। दुर्लभ मामलों में, गर्भावस्था के दौरान आयोडीन की कमी से ब्रेन डैमेज हो सकता है जिसे क्रेटिनिज्म कहा जाता है।
आयोडीन की कमी के क्या लक्षण होते हैं?
बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि उनमें आयोडीन की कमी है। कुछ लोगों में इसके कारण गर्दन पर घेंघा विकसित हो सकता है। आयोडीन की कमी से हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायराइड, जहां थायराइड हार्मोन बहुत कम बनता है) का भी जोखिम रहता है। आयोडीन की कमी के कारण लगातार थकान बने रहना, अप्रत्याशित रूप से वजन बढ़ने, याददाश्त की समस्या, बालों के झड़ने जैसी दिक्कतें हो सकती है।