चिलचिलाती गर्मी में कुछ खाने को मिले या ना मिले पर शरीर को पानी ज़रूर मिलना चाहिए। अगर पानी RO का हो तो,क्या बात है। लेकिन सावधान!! क्या वास्तव में हम आर.ओ. के पानी को शुद्ध पानी मान सकते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि इसके लगातार सेवन से हृदय सम्बन्धी विकार,थकान,कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन,सिर दर्द आदि दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से कैल्शियम और मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं।
RO के पानी के लगातार इस्तेमाल से शरीर में विटामिन B-12 की कमी भी होने लगती है।वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 400 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परन्तु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है।
याद रखें कि लम्बे समय तक RO का पानी पीने से शरीर कमजोर और बीमारियों का घर बन जाता है। जबकि इसके विपरीत प्राकृतिक (खनिज युक्त) पानी परम्परागत तरीकों से साफ कर के पीना हितकर माना गया है।