इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इन दिनों अपने छह दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी विविध मुद्दों पर बात हो रही है। दोनों देशों के आर्थिक मसलों पर भी चर्चा हो रही है। ऐसे में भारत इजरायल की उन चीजों को यहां चालू करने जा रहा है जिसकी देश को बड़ी जरूरत है। दोनों देशों के पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट कंप्यूटर काउ अब शुरू होने वाला है।
जल्द भारत आ जाएंगी कंप्यूटर काउ
इजरायल की काउ को दुनिया भर में कंप्यूटर काउ के नाम से जाना जाता है। हाल के वर्षों में भारत में कंप्यूटर काउ को लाने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए इजरायली इंटरनेशनल डवलपमेंट कॉरपोरेशन एजेंसी मैशाव और हरियाणा सरकार के बीच डील हुई थी। 2015 में हरियाणा के हिसार जिले में सरकार द्वारा सेंटर फॉर एक्सीलेंस में कंप्यूटर काउ मिल्क प्रोडक्शन को शुरू करने की दिशा में काम शुरू हुआ था। अब जल्द ही कंप्यूटर काउ भारत आ जाएंगी।
मशीनें निकालती हैं कंप्यूटर काउ का दूध
ऐसे में अब कंप्यूटर काउ सुनकर लोगों के मन में नाम के मुताबिक कई सवाल उठ रहे हैं। जब कि हकीकत में कंप्यूटर काउ भी भारत की हाड़ मास वाली गायों की तरह ही हैं। बस इन कंप्यूटर काउ का खाने-पीने से लेकर इनके रहने का तरीका यहां की गायों से अलग हैं। इन गायों के पैर में एक चिप लगी होती हैं, और सॉफ्टवेयर से सारा रूटीन तय होता है। इतना ही नहीं इनका दूध भी नहीं निकलना पड़ता है। इंसानों की जगह मशीनें इनका दूध निकालती हैं।
अमेरिकी और ब्रिटिश गायों से ज्यादा दूध देने में सक्षम
आम गायों की तुलना में इजरायल की इन कंप्यूटर काउ की दूध देने की क्षमता भी ज्यादा है। ये इजरायली काउ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिकी और ब्रिटिश गायों से भी ज्यादा दूध देती हैं। भारत में गाय प्रतिदिन करीब 7.1 किलो, ब्रिटिश में गाय करीब 25.6 किलो और अमेरिका में गाय 32.8 किलो लीटर दूध देती हैं। जबकि इजरायल में कंप्यूटर काउ प्रतिदिन करीब 38.7 किलो लीटर दूध देने की क्षमता रखती है।