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इस भादो माह में ये काम करने की है मनाही…

भाद्रपद महीने का आगाज़ हुआ है जिसे भादो के नाम से भी जाना जाता है. इस बार भाद्रपद का महीना 4 अगस्त से शुरू होकर 2 सितंबर तक चलेगा. चातुर्मास का ये दूसरा बेहद ही विशेष महीना है भाद्र का अर्थ है कल्याण व शुभ. इस तरह भाद्रपद महीने का अर्थ हुआ भद्र यानि शुभ परिणाम देने वाले व्रतों का महीना.  कई बड़े पर्व व व्रत होने से इस महीने का महत्व और भी बढ़ जाता है.

इस माह गणेश चतुर्थी के साथ-साथ  श्री कृष्ण जन्मोत्सव, कतजरी महोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में पड़ती है. इस दौरान शादी-ब्याह आदि शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. साथ ही इस दौरान कुछ खाने की चीज़ों का भी निषेध होता है. जानिए इनके बारे में.

भादो मास में इन चीजों का सेवन है वर्जित

भाद्रपद मास में दही का सेवन नहीं किया जाता है. इसी तरह आश्विन माह में दूध और कार्तिक माह में द्विदल, यानी दालों  का सेवन करने की मनाही है.

इस माह में ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा होती है. इसलिए अपना अधिक ध्यान रखें.

शास्त्रों के अनुसार भाद्र पद के रविवार में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.

इस माह में तुलसी का सेवन करना काफी शुभकारी माना जाता है.  इसलिए आप दूध या फिर चाय में डाल इसका सेवन कर सकते है.

तुलसी का सेवन करने के अलावा भगवान श्री कृष्ण को चढ़ाना शुभ माना जाता है.

भादपद्र मास में पड़ने वाले त्योहार

कजरी तीज

कजरी तीज भादो मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना रखते हुए माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करती है. इस बार यह त्योहार 6 अगस्त को पड़ रहा है.  निर्णयसिन्धु के पृष्ठ 123, अहल्या कामधेनु के पृष्ठ 27 के अनुसार इस दिन श्री विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिये और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिये ये व्रत करती हैं.

जन्माष्टमी

जिस तरह सावन का महीना भगवान शंकर की आराधना के लिए महत्व रखता है, उसी तरह भादो का महीना भगवान श्री कृष्ण की उपासना के लिए महत्व रखता है. श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में हुआ था. इस बार 11 अगस्त को पड़ रही है.

बहुला चतुर्थी

कजरी तीज के अगले दिन बहुला चतुर्थी है. निर्णयसिन्धु के पृष्ठ 123 और वर्षकृत्यदीपक के पृष्ठ 67 के अनुसार इस दिन गायों को सम्मानित किया जाता है और पकाया हुआ जौ खाया जाता है. इस दिन गाय के साथ श्री गणेश की पूजा का भी विधान है, क्योंकि चतुर्थी तिथि के अधिष्ठाता श्री गणेश जी हैं. इस चतुर्थी को अपनी संतान की रक्षा के लिये व्रत किये जाने का विधान है.

हरतालिका तीज

भाद्रपद मास की तृतीया को हरितालिका तीज मनाया जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं सौभाग्यवती के वरदान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. यह व्रत काफी कठिन माना जाता है. हरतालिका तीज 21 अगस्त को पड़ रही है.

गणेश चतुर्थी

भगवान गणेश का जन्म भादप्रद माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी को हुआ था. इसलिए हर साल यह पर्व इसी दिन गणेशोत्सव मनाया जाता है. इस बार कोरोना काल के कारण मुंबई में इसकी रौनक फीकी नजर आएगी. इस बार गणेश चतुर्थी 22 अगस्त को पड़ रही है.

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