अक्सर अपना विकेट गैर जिम्मेदाराना तरीके से गंवा देने के आरोप झेलने वाले भारत के उदीयमान बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा कि उन्हें अब समझ में आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘स्वाभाविक खेल’ दिखाने जैसा कुछ नहीं और हालात के अनुरूप खेलना अहम होता है।
बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में खराब फॉर्म से जूझ रहे पंत लगातार आलोचकों का कोपभाजन बने हुए थे। उन्होंने हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में अर्धशतक जमाकर खराब फॉर्म को अलविदा कहा।
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ”मैं इतना समझ गया हूं कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं। इसमें टीम की जरूरत या हालात के अनुरूप खेलना होता है।”
उन्होंने कहा, ”मैं सीख रहा हूं। टीम की जीत के लिये मैं जो कुछ कर सकता हूं, उस पर फोकस करूंगा। आखिर में मैने रन बनाये।” उन्होंने कहा कि वह आलोचना की परवाह किये बिना अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं। पहले वनडे में 71 रन बनाने वाले पंत ने कहा, ”मैं प्रक्रिया पर फोकस करना चाहता हूं। कई बार आपके बारे में अच्छा कहा जाता है और कई बार नहीं। मैं पूरा ध्यान अपने खेल पर लगा रहा हूं।”
लगातार आलोचना के बीच प्रेरणा के बारे में पूछने पर पंत ने कहा कि उन्होंने खुद पर भरोसा कभी नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा ,”खुद पर भरोसा बनाये रखना सबसे जरूरी है। लोग आसपास चाहे जो बात करे। कई बार रन बनते हैं और कई बार नहीं लेकिन प्रक्रिया अहम होती है।”
मौजूदा हालात में यह पारी कितनी अहम है, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ”जब मैं भारत के लिए खेल रहा हूं तो हर पारी अहम है। मैं अपने प्रदर्शन में रोज सुधार देखना चाहता हूं।” अक्सर मैदानों पर पंत का स्वागत ‘धोनी, धोनी’ की गूंज के साथ होता है लेकिन यहां नहीं। उन्होंने कहा, ”कई बार दर्शकों का समर्थन जरूरी होता है। मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा हूं कि प्रदर्शन में सुधार हो सके।”