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आठ माह से बंद पड़ी जेट एयरवेज, अगले महीने से एक बार फिर भरेगी उड़ान

जमीन पर खड़ी जेट एयरवेज को एक बार फिर से पंख लग सकते हैं. नागर विमानन मंत्रालय व विमानन नियामक डीजीसीए ने राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) को इस बारे में भरोसा दिया है कि वो जल्द ही इस कंपनी को प्रारम्भ करने के लिए बहुत ज्यादा गंभीर है. डीजीसीए ने बोला है कि अगर कोई कंपनी जेट एयरवेज को फिर से प्रारम्भ करना चाहती हैऔर उसके बारे में ठोस प्लान है, तो वो अच्छे से गौर करेगी.

निवेशक लेकर आएं बढ़िया प्रस्ताव

मंत्रालय की तरफ से पेश हुए वकीलों ने एनसीएलटी से बोला कि अगर जेट एयरवेज के संभावित निवेशक किसी प्लान के साथ उड़ान भरने को तैयार हैं, तो फिर इसको उनकी तरफ से हरी झंडी मिलेगी. वहीं वकीलों ने यह भी बोला कि एयरलाइन को मिले हुए स्लॉट अभी भी बचे हुए हैं. इसका इस्तेमाल कोई अन्य एयरलाइन उपयोग नहीं कर सकती है. हवाई अड्डों पर उपस्थित स्लॉट को लेने के लिए आखिरी तारीख 15 जनवरी है.

एयरलाइन के पास उपलब्ध स्लॉट से ही उसके वजूद के बारे में पता चलता है. जो विमानन कंपनी पहले से जमीन पर है, उसके लिए स्लॉट का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी कितने रूट पर अपने विमानों का परिचालन कर सकती है.

अभी तक दक्षिण अमेरिकी कंपनी सिनर्जी समूह ने ही जेट एयरवेज को खरीदने में रुचि दिखाई है. जेट के जमीन पर आने के बाद सरकार ने अस्थाई तौर पर अन्य विमानन कंपनियों को स्लॉट दे दिए थे. इसके सबसे ज्यादा स्लॉट स्पाइसजेट को प्रारम्भ में तीन महीने के लिए दिए गए थे, लेकिन फिर इनको दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था.

जेट एयरवेज को बंद हुई करीब आठ महीने हो गए हैं. कंपनी के बंद होने से 20,000 लोगों की जॉब पर संकट आ गया था. कंपनी के पास कर्मचारियों कोवेतन देने के लिए भी पैसे नहीं थे. इतना ही नहीं, भारी नकदी संकट से डूबने की कगार पर पहुंची व्यक्तिगत क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज अपने 20,000 से अधिक कर्मचारियों की मेडिक्लेम सुविधा भी बंद कर दी थी. एयरलाइन ने कर्मचारियों से बोला था कि वह समूह मेडिक्लेम पॉलिसी का प्रीमियम भरने की स्थिति में नहीं है.

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