जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें, जो वीडियो सामने आए हैं उनमें कुछ की पहचान की जा रही है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें भी की जा रही हैं। इस बीच 23 घायलों को एम्स से छुट्टी मिल गई है। इनको मामूली चोट आई थी। अभी कई स्टूडेंट का एम्स में इलाज चल रहा है। वहीं मुंबई-पुणे, कोलकाता समेत देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और उन्हें कहा है कि वो जेएनयू के प्रतिनिधियों से बात करें।
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि हमने संज्ञान लेते हुए कल हुई जेएनयू हिंसा में एफआईआर दर्ज की है। सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया जांच का हिस्सा होंगे।
जेएनयू कैंपस में कुछ देर की शांति के बाद सोमवार तड़के तनाव फिर बढ़ गया. आक्रोशित छात्रों ने विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आरएस कृष्णया की अगुआई में कैंपस में हो रहे पुलिस मार्च को रोक दिया। छात्रों ने साबरमती टी-पॉइंट पर पुलिस मार्च रोक दिया। पुलिस ने हालांकि उन छात्रों से बचते हुए कनवेंशन सेंटर की तरफ मार्च जारी रखा लेकिन उनके थोड़े ही आगे बढ़ते ही प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक बार फिर पुलिस का मार्ग रोक दिया। छात्र पुलिस को लगातार जेएनयू कैंपस के नॉर्थ गेट की तरफ खिसकाते रहे।
बता दें, रविवार शाम करीब 5 बजे के बाद जेएनयू में हिंसा शुरू हुई थी। पहले कुछ नकाबपोश हमलावर यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसे उसके बाद लगातार हमला किया, तोड़फोड़ की। इस दौरान कई छात्र, फैकल्टी मेंबर घायल हो गए। देर रात को ही पुलिस ने कैंपस में फ्लैग मार्च किया।