अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को नागरिक धोखाधड़ी मामले में उन पर जुर्माना लगाने वाले जज पर तीखी टिप्पणी की। दरअसल नागरिक धोखाधड़ी के एक मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप पर 35 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले को पूरी तरह से अवैध और गलत करार दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट में अमेरिका की न्याय व्यवस्था पर भी खतरा बताया।
ट्रंप ने पोस्ट में न्याय व्यवस्था पर साधा निशाना
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा ‘अमेरिका और न्यूयॉर्क की न्याय व्यवस्था खतरे में है और इस पर पक्षपाती और बंटवारे को बढ़ावा देने वाले जज और वकील हैं। ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल टिश जेम्स पर खास तौर पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि टिश जेम्स उन्हें लंबे समय से फंसाने की कोशिशें कर रहे हैं। ट्रंप ने लिखा कि उन्होंने बुरे वक्त में न्यूयॉर्क शहर की मदद की थी, लेकिन अब मुझे ही यहां से बाहर निकाला जा रहा है।’
किस मामले में ट्रंप को दोषी ठहराया गया
नागरिक धोखाधड़ी मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने 90 पन्नों के अपने फैसले में डोनाल्ड ट्रंप पर 35 करोड़ डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। साथ ही ट्रंप के न्यूयॉर्क की कंपनी में बतौर निदेशक काम करने पर तीन साल की रोक लगा दी है। अदालत ने ट्रंप के दोनों बेटों डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप को भी दोषी माना है और उन पर भी 40-40 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है और दोनों दो साल तक कंपनी में निदेशक के रूप में काम नहीं कर पाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप को अपनी कंपनी की संपत्ति बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और उसके आधार पर कर्ज लेने का आरोप सिद्ध हुआ है। हालांकि ट्रंप ने आरोपों से इनकार किया था और दावा किया था कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है।
‘मुझे साजिशन निशाना बनाया गया’
डोनाल्ड ट्रंप ने उनके खिलाफ दिए गए फैसले की आलोचना करते हुए लिखा कि ‘इस मामले में कोई पीड़ित नहीं है, ना ही कोई नुकसान हुआ और कोई शिकायत भी नहीं हुई। बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों को भी कोई परेशानी नहीं है। वित्तीय दस्तावेजों में भी कोई समस्या नहीं है। इसके बावजूद बिना किसी आधार के मुझे साजिशन निशाना बनाया गया।’