बंगलूरू। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मॉल के लिए गाइडलाइन बनाने जा रही है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सोमवार को बताया कि धोती पहनकर पहुंचे किसान को मॉल में घुसने से रोकने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। अब मॉल के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। 16 जुलाई को बंगलूरू के एक मॉल में धोती पहनकर पहुंचे किसान को घुसने से रोक दिया गया था। इसके बाद 18 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने मॉल को सात दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया था।
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सोमवार को विधानसभा में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि यह किसान के आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा का अपमान है। इसे किसी दिशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह विधानसभा में मॉल में धोती पहनकर पहुंचे किसान को रोके जाने के मामले पर चर्चा की गई थी। इसके बाद हमने मॉल को बंद करने के आदेश दिए थे। ऐसे मामलों को रोकने के लिए हम गाइडलाइन जारी करेंगे। चाहे वह बड़ा मॉल हो या छोटा।
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उन्होंने कहा कि मॉल को बंद करने के साथ ही नोटिस दिया गया। साथ ही मॉल प्रबंधन से लिखित स्पष्टीकरण और माफीनामा लिया गया है। इसके अलावा जांच में सामने आया कि मॉल पर दो करोड़ रुपये टैक्स बकाया था। इसमें उन्होंने कुछ टैक्स जमा कर दिया। बाकी बकाया जमा करने के लिए मॉल को 31 जुलाई तक का वक्त दिया गया है। इसके लिए उन्होंने चेक दे दिया है।
विपक्ष बोला- क्लब को भी दायरे में लाएं
कर्नाटक सरकार के मॉल को गाइडलाइन जारी करने के मुद्दे पर विपक्ष ने भी बयान जारी किया। जेडी (एस) के नेता सीबी सुरेश बाबू ने डिप्टी सीएम शिवकुमार से प्राइवेट क्लबों को भी गाइडलाइन के दायरे में लाने की मांग की है। इस पर कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि यह गाइडलाइन एक विशेष घटना को लेकर बनाई गई है। इसलिए गाइडलाइन में क्लब और बार को शामिल करने की जरूरत नहीं है।
वहीं नेता विपक्ष आर अशोक ने सरकार की योजना का स्वागत करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि छह महीने बाद आदेशों को भुला दिया जाएगा। इसलिए लाइसेंस देते वक्त यह निर्देश दिए जाएं कि किसी भी ग्रामीण पोशाक पहने व्यक्ति का शोषण नहीं किया जाएगा। लाइसेंस में शामिल करने से यह मददगार होगा और निर्देशों का पालन होगा।