लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इस दिशा में सरकार द्वारा अनेकानेक महत्वाकांक्षी योजनाओ का संचालन किया जा रहा है, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आमदनी कम से कम एक लाख व इससे अधिक करने की दिशा में लखपति महिला योजना का संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया जा रहा है।
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राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन एवं निरंतर समीक्षा के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने गत वर्ष में स्वयं सहायता समूह में जुडी 75 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को ग्रामीण विकास मंत्रालय के लखपति दीदी एप पर आय के स्त्रोतों के सर्वे का कार्य 100% पूर्ण किया गया। इस सर्वे कार्य में पूरे देश में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा।
महिलाओं की आय वृद्धि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा बैंक ऋण, प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं आजीविका सम्बंधित मूल्य वृद्धि इत्यादि द्वारा करवाया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा विभिन्न गतिविधियों जैसे:- कृषि आजीविका, गैर कृषि आजीविका, टेक होम राशन प्लांट, बैंक सखी, विद्युत सखी आजीविका सखी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, महिलाओं की मूल्य वृद्धि श्रृंखला (वैल्यू चेन डेवलपमेंट) की कंपनियों, जिनमें दुग्ध विकास से सम्बन्धित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी, महिलाओं की हस्तशिल्प कंपनियों एवं महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, पंचायती राज, उद्यान विभाग, कृषि विभाग के साथ अभिसरण के माध्यम से कार्य करते को आजीविका के अवसर एवं स्रोत उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आय में सतत वृद्धि करवाई जा रही है एवं त्वरित गति से लखपति महिला बनने की दिशा की ओर मिशन अग्रसर है।
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राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार की लखपति महिला योजना के अंतर्गत पूरे देश में 3 करोड़ स्वयं सहायता समूह सदस्यों को वार्षिक पारिवारिक आय को ₹1 या अधिक करने का लक्ष्य है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 28.92 लाख स्वयं सहायता समूह सदस्यों को आगामी तीन वर्ष में लखपति महिला बनाने का लक्ष्य है।
लखपति महिला कार्यक्रम के अंतर्गत विगत वर्ष में स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत लाख 75 स्वयं सहायता समूह सदस्यों के वार्षिक पारिवारिक आय का सर्वेक्षण करवाया गया था, जिनमे से 1046669 स्वयं सहायता सदस्यों की वार्षिक आय ररूपये एक लाख से अधिक थीI इसी सर्वे में 0.25 लाख से कम वार्षिक आय 1187278 सदस्यों की थी, 0.25 से 0.60 लाख वार्षिक आय 3315679 सदस्यों की एवं 0.61 से 1 लाख वार्षिक आय 1879057 सदस्यों की आंकी गयी थी। वर्तमान में इस आंकलन को आजीविका रजिस्टर द्वारा छह माह के अन्तराल में ग्रामीण विकास मंत्रालय के लोकोस प्लेटफार्म पर करवाया जा रहा है।
लखपति महिला के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु आजीविका का सार्वभौमिकरण किया जा रहा है जिससे स्वयं सहायता समूह के परिवारों के स्तर पर सतत रूप से आजीविका संवर्धन हो सके। इस क्रम में प्रत्येक स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को कम से कम दो या अधिक आजीविका के स्त्रोत से जोड़ना, आवश्यक है।
लखपति महिला के लक्ष्य की प्राप्ति को सुनिश्चित करने हेतु समन्वय समिति का गठन किया गया है जिससे अंतर्विभागीय अभिसरण सुनिश्चित किया जा सके। यह समन्वय समिति केंद्र, राज्य, जनपद एवं विकासखंड स्तर पर गठित की गई है। लक्ष्य पूर्ति के लिए अब तक 34269 लखपति कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) का प्रशिक्षण संपन्न करा दिया है. इन सीआरपी दीदियों द्वारा प्रत्येक लखपति महिला के सापेक्ष आजीविका रजिस्टर बनाने का कार्य प्रचलित है।