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एआईआरएफ और एनएफआईआर ने भारतीय रेल के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक खबरों का खंडन किया

गोरखपुर। अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एआईआरएफ और एनएफआईआ) ने एक बयान जारी करके भारतीय रेल के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक खबरों का खंडन किया है। एक संयुक्त बयान में इन संगठनों ने कहा है कि हाल ही में भारतीय रेल के बारे में, कुछ संगठनों द्वारा एक वक्तव्य जारी किया गया है, जिससे रेलवे के बारे में भ्रम और अविश्वास की गुंजाइश पैदा हो गई है।

रेलवे के सभी कर्मचारी ट्रेनों के संरक्षित संचालन के लिए अपनी क्षमता के अनुसार दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। यह बात साल दर साल ट्रेन दुर्घटनाओं में कमी से स्पष्ट होती है। इसके अलावा, भले ही दुर्घटना का प्रथम दृष्टया कारण बता दिया जाता है, लेकिन रेलवे में होने वाली हर दुर्घटना के बाद हमेशा रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) या बहु-विषयक टीम द्वारा दुर्घटना के कारण का पता लगाने और रिमेडियल मेजर्स सुझाने के लिए विस्तृत जांच की जाती है।

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इस विस्तृत जांच के आधार पर कार्यवाही की जाती है। दोनों फेडरेशन (एआईआरएफ और एनएफआईआर) द्वारा संरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी दिया जाता रहा है। यह कुशल और मेहनती रेलवे कर्मचारी ही हैं, जो इस देश के लोगों को परिवहन का सबसे सस्ता साधन उपलब्ध कराते हैं। हम फेडरेशन गर्व से कहते हैं कि हम यात्रियों की सुरक्षा और सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए काम करना जारी रखते हैं। हालांकि यह दु:खद है कि रेलवे कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की सराहना करने के बजाय, रेलवे कर्मचारियों का मनोबल गिराने वाली टिप्पणियां की जा रही हैं।

AIRF and NFIR refute misinformation being spread about Indian Railways

बेशक, काम की कठोरता को कम करने के लिए कर्मचारियों की कार्य स्थितियों में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है। हम चीजों को और बेहतर बनाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित बैठकें और बातचीत कर रहे हैं। हाल के वर्षों में 5 लाख से अधिक कर्मचारी रेलवे में शामिल हुए हैं। हाल ही में 1.5 लाख उम्मीदवारों को नियुक्त करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है और 18,000 से अधिक लोको पायलटों की भर्ती के लिए कार्यवाही शुरू हो गई है।

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वार्षिक परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने की लम्बे समय से लंबित मांग को स्वीकार कर लिया गया है और जूनियर इंजीनियर, तकनीशियन आदि श्रेणियां भी भर्ती की प्रक्रिया में हैं। भारतीय रेल में प्रशिक्षण की एक सुस्थापित प्रणाली है। रेलवे के सभी कर्मचारी भारतीय रेल के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में रिफ्रेशर कोर्स, संरक्षा पाठ्यक्रम, उपकरण पाठ्यक्रम आदि के माध्यम से नियमित प्रशिक्षण लेते हैं। जब भी नई तकनीक लागू की जाती है, तो लोको पायलटों को प्रशिक्षण/परामर्श के बाद योग्यता प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।

फेडरेशन अधिकारियों के साथ कर्मचारियों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं और ऐसे समाधान निकाले जा रहे हैं, जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों। रेलवे 12 लाख कर्मचारियों वाला एक विशाल संगठन है। इस संगठन की कार्यप्रणाली बाहरी लोगों को आसानी से समझ में नहीं आती। ऐसे जटिल कार्य परिदृश्य में, कार्यप्रणाली को समझे बिना, जाने-अनजाने में की गई प्रतिकूल टिप्पणियां राष्ट्र के समग्र हित में नहीं हो सकती हैं। इसलिए फेडरेशन व्यक्तियों और संगठनों से राष्ट्र के समग्र हित के लिए रचनात्मक तरीके से सहयोग करने की अपील करता है।

हम गैर-रेलवे यूनियनों/संगठनों आदि द्वारा जारी किए गए बयानों को गम्भीरता से नहीं लेते हैं, क्योंकि ये बयान आम लोगों के मन में आशंका और डर का माहौल पैदा करेंगे। एआईआरएफ और एनएफआईआर रेलवे कर्मचारियों के सच्चे प्रतिनिधि हैं क्योंकि हम सभी श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों के सम्बन्धित मुद्दों को उठाते हैं ताकि उनका संतोषजनक समाधान सुनिश्चित किया जा सके। हम रेलवे कर्मचारी एक टीम के रूप में रेलवे के संरक्षित संचालन और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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