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काशी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज और गोरखपुर बनेंगे सोलर सिटी

काशी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज और गोरखपुर को सोलर सिटी बनाने की प्रारंभिक कार्ययोजना अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग ने तैयार कर लिया है. कार्ययोजना की प्रस्तुति मुख्यमंत्री के सामने होने के बाद चयनित शहरों को सौर ऊर्जा से जगमगाने की विस्तृत कार्ययोजना बनेगी.

सबसे पहले वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र, मथुरा में वृंदावन, प्रयागराज में संगम, अयोध्या में हनुमानगढ़ी क्षेत्र तथा गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को सोलर एनर्जी से आच्छादित करने का प्रस्ताव है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सोलर सिटी की प्रारंभिक कार्ययोजना में दो प्रस्ताव शामिल किए गए हैं. प्रदेश सरकार जैसा तय करेगी उसके मुताबिक काम शुरू कर दिया जाएगा.

सरकार ने एक शहर पर सहमति दी तो सबसे पहले अयोध्या में होगा काम

पहला प्रस्ताव यह है कि प्रति वर्ष इन शहरों के कुछ खास क्षेत्रों को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का काम किया जाए. दूसरा प्रस्ताव यह है कि क्रमश: एक-एक शहर को सोलर सिटी बनाने का काम पूरा किया जाए. सरकार पहले प्रस्ताव पर राजी होती है तो प्रतिवर्ष इन शहरों में 50-50 मेगावाट बिजली उत्पादन सौर ऊर्जा से करने का काम शुरू होगा. एक मेगावाट सौर ऊर्जा की लागत करीब चार करोड़ रुपये आएगी. सरकार ने दूसरे प्रस्ताव पर सहमति जताई तो सबसे पहले अयोध्या को सौर ऊर्जा से जगमगाने का काम होगा.

पहले घरेलू बिजली को सौर ऊर्जा से कवर करने की तैयारी

इन धार्मिक शहरों को सोलर सिटी बनाने के क्रम में पहले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को योजना का हिस्सा बनाया जाएगा. घरेलू बिजली सौर ऊर्जा पर आ जाने के बाद औद्योगिक क्षेत्र का काम शुरू होगा. विभाग ने पांचों शहरों के घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी के बिजली के लोड की गणना कर ली है. भविष्य में बढ़ने वाले लोड को कैसे सौर ऊर्जा पर लाएंगे इसपर भी विचार किया जा रहा है.

कोणार्क सूर्य मंदिर के मॉडल का अध्ययन होगा इस प्रोजेक्ट के लिए

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी प्रारंभिक स्तर पर सोलर सिटी के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है. ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर और शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया गया है. उस प्रोजेक्ट का भी अध्ययन किया जाएगा. सोलर सिटी प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार से भी सहयोग के लिए बात की जाएगी. जिन शहर को पूरी तरह सोलर एनर्जी पर लाना होगा, उसके लिए विस्तृत अध्ययन के बाद कार्ययोजना तैयार की जाएगी. कहां सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा और कितने घरों को सोलर रूफटाप से आच्छादित किया जाएगा इन सबका अध्ययन होगा.

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