आतंक के खौफ को कश्मीर Kashmir में बढ़ाने के लिए पाकिस्तान कोई मौका नहीं छोड़ता है। हाल ही में उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार हुए हैं। इन आतंकियों ने बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट को अपने साथ जोड़ने के लिए बड़े ही आकर्षक आॅफर दे रहे हैं।
वाघा सीमा के रास्ते Kashmir में
उत्तरी Kashmir के बारामुला जिले में आतंकी अब्दुल मजीद भट और मोहम्मद अशरफ मीर वाघा सीमा के रास्ते से भारत लौटने के दौरान गिरफ्तार हुए हैं। पूछताछ में उन्होंने पाक के मंसूबों का खुलासा किया है।
- पाकिस्तान आतकियों की नई ब्रिगेड के लिए जम्मू-कश्मीर में ।
- बच्चों को गुमराह कर करने के लिए स्कॉलरशिप जैसे लुभावने ऑफर दिए जा रहे हैं।
- इन दोनों को भी पाक के बर्मा नामक कैंप में पाकिस्तानी लड़कों के साथ प्रशिक्षित किया गया है।
- कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान ने बताया है कि ये दोनों हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने।
- घाटी में आतंकी गतिविधियां का नेटवर्क बिछाने के लिए पाकिस्तान के वैध वीजा पर वहां पहुंचे थे।
- बतादें कि जम्मू-कश्मीर में आजकल स्टूडेंट को गुमराह करने के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
- इन स्कीम में बच्चों को फंसाकर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए सीमा पार भेज देना लक्ष्य होता है।
स्कॉलरशिप दी जा रही
बतादें कि पाकिस्तान में ऐसे कई बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में कश्मीरी युवाओं को स्कॉलरशिप दी जा रही है।
- खास बात तो यह है कि ये कॉलेज आतंकी परिवारों या फिर अलगाववादियों से जुड़े हैं।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का कहना है ।
- ऐसा कर के पाकिस्तान स्टूडेंट को अपने हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है।
- जांच एजेंसी के मुताबिक आतंकी, हुर्रियत और पाक सरकार के गठजोड़ से कश्मीर में इसे अंजाम दिया जा रहा है।
कोई भी गुमराह न कर पाए
ऐसे में चार्जशीट टेरर फंडिंग के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत में दायर हुई है। इसमें में लश्कर संस्थापक हाफिज सईद, आतंकी सरगना सैयद सलाहुद्दीन सहित टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार सात कश्मीरी अलगाववादियों व तीन अन्य आरोपी बने हैं। गिरफ्तार हुर्रियत नेताओं में गिलानी का दामाद भी शामिल है। वहीं पुलिस का कहना है कि अभिभावक अपने बच्चों पर पैनी नजर रखें, जिससे कि कोई भी उनके बच्चे को गुमराह न कर पाए।