उत्तराखंड चार धाम 2023 पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित देश के कई राज्यों से उत्तराखंड पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि यात्रा पर जाने से पहले यह नया नियम अवश्य जान लें। उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ (Kedarnath) का ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
आईएमडी के खराब मौसम के पूर्वानुमान के बाद सरकार की ओर से फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं। जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को दर्शन के लिए खुल जाएंगे। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम बना हुआ है।
बारिश के बाद बर्फबारी से भूस्खलन की वजह से गंगोत्री, बदरीनाथ नेशनल हाईवे भी बंद हो रहे हैं। पर्वतीय जिलों में बारिश और बर्फबारी से तापमान में गिरवाट होने की वजह से लोगों को ठंड का भी एहसास होने लगा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए फिलहाल केदारनाथ धाम में दोनों ऑफलाइन, और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
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सरकार के फैसले के बाद देश के कई राज्यों से लोग चारों धामों क लिए रजिस्ट्रेशन कराने लगे थे। चारों धामों में से कठिन, और दुर्गम यात्रा केदारनाथ धाम की यात्रा है। इसके अलावा, धाम के आसपास रहने की सीमित व्यवस्था है। मालूम हो कि केदारनाथ धाम में एक दिन में 15 हजार तीर्थ यात्रियों को दर्शन करने की अनुमति दी, लेकिन इसके विपरीत के धाम के आसपास सिर्फ 10 हजार श्रद्धालुओं के ही रुकने का प्रबंध है।
केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बारिश-बर्फबारी के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों की भीड़ से मुश्किलें खड़ी हो सकतीं हैं। इन सभी मुद्दों के मद्देनजर उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने केदारनाथ धाम में 25 से 30 अप्रैल तक ऑनलाइन, और ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाई है।
सरकार की ओर से लगाई गई रोक के बाद कोई भी तीर्थ यात्री 25 से 30 अप्रैल के बीच किसी भी तरह से केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाएगा। विदित हो कि उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड सरकार ने 22 अप्रैल को गंगोत्री, और यमुनोत्री धामों के कपाट खलुने से ठीक एक दिन पहले ही चारों धामों में तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या से रोक हटा दी थी।