बछरावां/रायबरेली। संबंधित अधिकारी व ठेकेदार मिलकर कब कौन सा खेल खेलेगे और सरकार की आंखों में धूल झोंकते रहेंगे इसका अगर उदाहरण देखना है तो खैराहनी से उमरपुर मार्ग में देखा जा सकता है।
इस मार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत होना था इसके निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग प्रखंड को दिया गया था। इसकी लागत दो करोड़ 25 लाख 40 हजार थी। कहने को तो काम दो वर्ष पूर्व कार्य प्रारंभ करा दिया गया, कुछ हिस्से में गिट्टी अथवा डामर भी पड़ गया, सड़क के बीच में एक पुलिया बनी थी। उसके भी गड्ढे बना डाले गए परंतु अचानक काम बंद कर दिया गया। जगह-जगह गिट्टी आदि के ढेर लगे हुए हैं, परंतु सड़क बनाने वाला कहीं नजर नहीं आ रहा है।
खैराहनी के पूर्व प्रधान शैलेंद्र यादव ने बताया कि शुरुआत में बड़े जोर शोर से इसका काम शुरू कराया गया। परंतु अचानक बंद कर दिया गया उन्होंने अभियंत्रण विभाग को कई प्रार्थना पत्र भी दिए परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई, स्थिति यह है कि बरसात के दिनों में इस सड़क से होकर गुजरने वाले लगभग एक दर्जन गांवों को 5 किलोमीटर दूर घूम कर आना पड़ेगा। पूर्व प्रधान का कहना है कि अगर बरसात होने के पूर्व अधिकारियों का ध्यान इस ओर चला जाता तो क्षेत्र की जनता को भारी राहत मिल सकती थी।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा