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किसान महापंचायतः योगी-भाकियू के बीच ‘नाक की लड़ाई’

       अजय कुमार

लखनऊ। पांच सितंबर(कल)को जब पूरा देश ‘शिक्षक दिवस’ मना रहा होगा तब पश्चिम यूपी में किसान सियासत चरम पर होगी। जहां एक तरफ नये कषि कानून के विरोध के नाम पर भारतीय किसान यूनियन मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत करने जा रहे हैं तो, योगी सरकार भी महापंचायत के नाम पर किसी तरह की अराजकता से निपटने के लिए तेवर सख्त किए हुए है।

इसी लिए पांच सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत को लेकर सरकार ने चुन-चुन कर पूर्व में जनपद में रहे तेज-तर्रार पुलिस अफसरों को तीन से पांच सितंबर तक के लिए मुजफ्फरनगर में तैनात कर दिया है। प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि कोई शख्स महापंचायत की आड़ में माहौल खराब करने की कोशिश करे तो उससे पूरी सख्ती के साथ निपटा जाए,इसके लिए अधिकारियों को पूरी छूट दी गई है। वहीं किसानों की नाराजगी को कम करने के लिए योगी सरकार ने गन्ना का खरीद मूल्य बढ़ाने की घोषणा कर दी है।

गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी की रूपरेखा तैयार है। किसान संगठनों से बातचीत के बाद इसका औपचारिक एलान जल्द कर दिया जायेगा।मंत्री राणा ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की आय बढाने के लिये उन्हे कृषि संबंधी उन्नत जानकारी समेत अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये कटिबद्ध है। इसी क्रम में गन्ना किसानों को उनकी उपज की बढ़ी हुयी कीमते जल्द मिलेंगी।

गौरतलब हो, जब से योगी सरकार आई है,तब से प्रदेश में गन्ने का रकबा आठ लाख हेक्टेयर बढ़ गया है। पहले 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना की बोआई होती थी जबकि अब 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई की जा रही है। पिछले सत्र में 4289 लाख टन गन्ने की रिकॉर्ड पेराई हुई थी। योगी सरकार द्वारा महापंचायत से एक दिन पूर्व गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने को आंदोलनकारी किसान किसानों में फूट डालने की साजिश बता रहे है।भाकियू किसान सरकार से दो-दो हाथ करने पर अड़े हुए हैं। बात तैयारियों की कि जाए तो शासन ने महापंचायत शांति पूर्वक सम्पन्न कराने के लिए जिन अधिकारियों को मुजफ्फरनगर भेजा हैं।

उसमें लखनऊ के अपर पुलिस आयुक्त(यातायात) श्रवण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर संजीव वाजपेयी, अपर पुलिस अधीक्षक आगरा शिवराम यादव, सीओ बरेली चमन सिंह चावड़ा, सीओ संभल अरुण कुमार सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर पीपी सिंह शामिल हैं। उक्त सभी अफसर पूर्व में जनपद में लंबे समय तक तैनात रह चुके हैं, जिन पर एक बार फिर शासन ने महापंचायत को लेकर भरोसा जताया है।

इनके अलावा देवबंद कोतवाल इंस्पेक्टर योगेश शर्मा, शामली से इंस्पेक्टर पंकज त्यागी व इंस्पेक्टर जसवीर सिंह, दरोगा कपिलदेव, दरोगा धर्मेंद्र सिंह, दरोगा सूबे सिंह यादव, दरोगा मनोज कुमार चहल, दरोगा समयपाल अत्री और दरोगा वीरेंद्र कसाना भी तीन सितंबर से पांच सितंबर तक जनपद में ही अपनी सेवाएं देंगे।कुल मिलाकर किसान महापंचायत करने वाली भारतीय किसान यूनियन और योगी सरकार दोनों ही तरफ से बिसात बिछ गई है। दोनों ही तरफ से काफी सोच-समझकर ‘चालें’ चली जा रही हैं। देखना यह होगा कि किसान सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है।

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