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लीची के सेवन से हुई 84 से ज्यादा बच्चों की मौत,न करे इसका ऐसे सेवन,वरना…

बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी की वजह से 84 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. मुजफ्फरपुर कस्बा इंसेफलाइटिस की सबसे ज्यादा चपेट में है. 1995 से ही यह बीमारी यहां बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है. हर वर्ष मई  जून के महीने में बिहार के विभिन्न कस्बे इस बीमारी की चपेट में आते हैं  बच्चों के मरने का सिलसिला प्रारम्भ हो जाता है. इस बीमारी की कई वजहों में से एक वजह खाली पेट लीची खाने को भी बताया गया है.
आइए जानते हैं छोटे-से फल लीची में कौन-से विटामिन होते हैं  इनका स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है
बिहार में इंसेफलाइटिस के पीछे की वजह खाली पेट लीची खाने को भी बताया गया है. हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों की भिन्न-भिन्न राय है लेकिन जाँच रिपोर्ट में बीमारी की वजह को लीची भी बताया गया है. लीची का फल गर्मियों में ही होता है. यह छोटा-सा फल बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है. चाइना में लीची दवाई के तौर पर उपयोग में लाया जाता है.
लीची के फल में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है. इस फल में विटामिन सी  विटामिन बी की मात्रा होती है. खून के उत्पादन के लिए लीची का फल बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है.इस फल में मैग्नेशियम, कॉपर, आयरन जैसे खनीज होते हैं.
लीची के फल में फाइबर की मात्रा में बहुत ज्यादा होती है. इस फल में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की मात्रा होती है जो मेटाबॉलिज्म फैट को बढ़ाता है. लीची में प्रोटीन  कार्बोहाइड्रेड की मात्रा भी होती है. लीची में एंटीऑक्सीडेंट की इतना मात्रा होती है कि यह जल्द बुढ़ापे की समस्या से भी निजात दिलाता है.
लीची में पोटेशियम की मात्रा भी होती है जो कि शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित करता है. इसके अतिरिक्त हाई पोटेशियम शरीर में फ्लूड लेवल को भी नियंत्रित करता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है  स्ट्रोक जैसी बीमारी नहीं होती है.
लीची अस्थमा की बीमारी से भी बचाती है. इस फल में फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा होती है जो कि दिल संबंधी रोगों से बचाव के लिए सबसे ज्यादा पौष्टिक तत्व है. लेकिन सवाल उठता है कि इतने विटामिन  मिनरल के बाद भी लीची कैसे इंसेफलाइटिक की वजह हो सकती है.

दरअसल, इंडियाज नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में छपी जाँच रिपोर्ट ने इस बीमारी के कई वजहों में से एक लीची को भी बताया. खाली पेट लीची खाने को इस बीमारी की वजह बताया गया है. लेकिन यह भी बोला जा रहा है कि इतने छोटे बच्चे लीची कैसे खा सकते हैं ?  लासेंट ग्लोबल हेल्थ में छपी रिपोर्ट में भी इस बीमारी की वजह को लीची ही बताया गया है.

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