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वक्फ संपत्तियों पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई, जानें किसने क्या रखी दलील; कल अदालत सुना सकती है अंतिरम आदेश

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि जो संपत्तियां वक्फ घोषित हो चुकी हैं, चाहे वह परंपरा से वक्फ हो या बाकायदा दस्तावेज से घोषित वक्फ हो, उन्हें वापस सामान्य संपत्ति घोषित नहीं किया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताई और अदालत से आग्रह किया कि इस पर कोई आदेश देने से पहले उसे सुना जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 अप्रैल दोपहर 2 बजे अगली सुनवाई तय की है।

सरकार का पक्ष
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि बहुत से मुसलमान ऐसे भी हैं जो वक्फ कानून से शासित नहीं होना चाहते। उन्होंने यह भी बताया कि नया वक्फ संशोधन कानून संसद की संयुक्त समिति की 38 बैठकों के बाद बना है और इसे 98.2 लाख लोगों की राय जानने के बाद पारित किया गया।

मुस्लिम पक्ष की दलील
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि यह गलत है कि सिर्फ मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं। उन्होंने पूछा- ‘राज्य कैसे तय करेगा कि मैं मुसलमान हूं या नहीं और वक्फ बना सकता हूं या नहीं?’ वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वक्फ एक्ट का असर पूरे देश में होगा, इसलिए इसे हाई कोर्ट की बजाय सुप्रीम कोर्ट में ही सुना जाना चाहिए।

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