बहुचर्चित कुंडेसर चट्टी कांड (Kundesar Chatti case) में अदालत ने बाहुबली बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को बरी कर दिया। एडीजे सेकेंड की कोर्ट ने बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को मामले में दोषमुक्त करार दिया। जानकारी के मुताबिक वर्ष 1991 में हुए इस बहुचर्चित कांड में अफजाल अंसारी के काफिले पर एक गैंग ने ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी,जबकि कई लोग घायल हो गये थे।
Kundesar Chatti case का मुकदमा भांवरकोल
कुंडेसर चट्टी में मामले में बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह के खिलाफ भांवरकोल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस के मुख्य गवाह जगरनाथ सिंह थे,जिनकी मृत्यु हो गयी है। इस मामले में कई अन्य गवाह भी मुकर गए थे। बृजेश की तरफ से बचाव पक्ष ने वारदात के समय उन्हें नाबालिग बताया था। आठवीं और हाईस्कूल के प्रमाणपत्र से इसे साबित करने की कोशिश भी की गयी थी। मंगलवार को फैसले की सुनवाई के दौरान बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह भी अदालत में मौजूद रहे। जेल ही अभियुक्तों के शिनाख्त की कार्रवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई। 27 साल बाद आये फैसले से जहां बृजेश खेमे में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।
मारूति कार सवार पांच
ज्ञातव्य हो 2 मई 1991 को अफजाल अंसारी चुनाव प्रचार कर करीब 9:30 बजे रात को मुहम्मदाबाद वापस लौट रहे थे। कुंडेसर चट्टी इलाके में उनकी जीप खराब हो गयी और वह पानी लेने के लिए उतरे, तभी पीछे से आ रही मारूति कार में सवार पांच लोगों ने स्वचालित असलहों से जीप पर गोलियों को बौछार कर दी। जिससे घटना स्थल पर सुरेंद्र राय, कमला सिंह व झिंगुरी गुप्ता की मौत हो गयी व कामेश्वर राय, दीनानाथ राय व कैप्टन जगरनाथ गंभीर रुप से घायल हो गये। पुलिस की छानबीन के बाद करीब एक महीना चार दिन बाद तफ्तीश के दौरान माफिया डान बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह आदि को इस हत्याकांड में मुल्जिम बनाया। इस दौरान इलाज के दौरान रामेश्वर राय की मौत हो गयी। 27 वर्ष अदालत की कार्रवाई के बाद मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को दोष मुक्त कर दिया।
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