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लैब टेक्नीशियन का काम बताया चुनौतीपूर्ण, 4800ग्रेड वेतन देने की मांग

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ईमेल आईडी पर लैब टेक्नीशियन के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए उनको 4800 का ग्रेड पे एवं सातवें वेतन आयोग में वेतन मैट्रिक्स पुनरीक्षित करने का अनुरोध किया है। इसके पूर्व संयुक्त परिषद ने 5 मई को भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए कोविड-19 संकटकाल में लैब टेक्नीशियन की भूमिका से मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को अवगत कराया था।

जे एन तिवारी ने बताया कि इसी माह 21 मई को वाराणसी के एसएसपीजी चिकित्सालय में कर्मचारियों से संवाद स्थापित करते हुए अपने संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैब टेक्नीशिनो के कार्य की सराहना किया था। एक सप्ताह बाद पुनः 30 मई को अपने पसंदीदा “मन की बात” कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने दिल्ली के एक लैब टेक्नीशियन घिल्डियाल से बातचीत के दौरान लैब टेक्नीशियन के कार्यों की सराहना करते हुए उसको चुनौतीपूर्ण बताया एवं अपनी तरफ से तथा देश वासियों की तरफ से आभार व्यक्त किया।

श्री तिवारी कहा कि इतने बड़े देश के प्रधानमंत्री की नजर में लैब टेक्नीशियन के कार्यों का मूल्यांकन है, लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग जहां पर लैब टेक्नीशियन अपनी जान पर खेलकर कोविड-19 की ड्यूटी कर रहा है, कोविड-19 के सैंपल के खतरों से खेल रहा है, आरटी पीसीआर, डी माइजर एवं सभी महत्वपूर्ण जांच कर रहा है, वह विभाग लैब टेक्नीशियन के कार्य क्षमता एवं इसके द्वारा किए जाने वाले महतपूर्ण कार्यों से अनजान है।

लैब टेक्नीशियन का कार्य अन्य पैरामेडिकल के कार्यों से सर्वथा भिन्न है। लैब टेक्नीशियन सीधे तौर पर मरीजों के शरीर से निकलने वाले किसी भी प्रकार के (स्राव) सैंपल कलेक्शन से लेकर उसके परीक्षण तक हैंडलिंग करते हैं तथा सीधे मरीज के संपर्क से जुड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में लैब टेक्नीशियन के साथ रिस्क फैक्टर अन्य कर्मचारियों के मुकाबले बहुत अधिक है। फिर भी लैब टेक्नीशियन को 2800 ग्रेड वेतन दिया गया है जबकि अन्य संवर्ग 4200,4600 के ग्रेड वेतन में है ।

जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री के लैब टेक्नीशियन के कार्यों के ऑब्जरवेशन के परिपेक्ष में इस संवर्ग के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेजो में कार्य करने वाले लैब टेक्नीशियन को 4800 ग्रेड वेतन एवं सातवें वेतन आयोग में वेतन मैट्रिक्स का पुनरीक्षण कराने पर विचार करें। लैब टेक्नीशियन कोविड-19 नियंत्रण की वह कड़ी है जिस पर कोविड-19 नियंत्रण का पूरा दारोमदार है। यदि इस कड़ी को मजबूती नहीं प्रदान की गई तो कोविड-19 की लड़ाई भी कमजोर पड़ सकती है। अभी तक दर्जनों लैब टेक्नीशियन कोविड संक्रमण से लड़ते हुए अपनी जिंदगी गवा चुके हैं। उनको मिलने वाली अनुग्रह राशि एवं आश्रित को मिलने वाली नौकरी के मामले अभी तक लंबित है।

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