राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस #बिश्नोई को गुरुवार को हिरासत में ले लिया। गैंगस्टर से आतंकियों से सांठगांठ से जुड़े एक मामले में हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि मामला भारत और विदेशों में स्थित एक आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा रची गई एक साजिश से संबंधित है, ताकि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती की जा सके और सनसनीखेज अपराधों को अंजाम दिया जा सके।
भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और यूए (पी) अधिनियम 1967 की धारा 17, 18 और 18 बी के तहत 4 अगस्त, 2022 को प्राथमिकी संख्या 238 के रूप में पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली में मामला शुरू में दर्ज किया गया था। एनआईए ने 26 अगस्त, 2022 को आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई के रूप में मामला फिर से पंजीकृत किया।
अधिकारियों के मुताबिक, जांच से पता चला है कि आतंकवादी गुर्गों ने ड्रग तस्करों और लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाले आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों के साथ सांठगांठ विकसित की है, जो व्यवसायियों, पेशेवरों से जबरन वसूली सहित विभिन्न प्रकार के आतंक, आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने में शामिल पाया गया है।
यह पाया गया कि अधिकांश साजिशें #लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जेल के अंदर से रची गई थीं और भारत और विदेशों में स्थित आपराधिक गुर्गोंके एक नेटवर्क द्वारा अंजाम दी जा रही थीं। गौरतलब है कि गिरफ्तार किया गया गैंगस्टर एक दशक से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में लक्षित और सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई मामलों में शामिल और वांछित है।
जांच से पता चला है कि लॉरेंस अपने भाइयों सचिन और अनमोल बिश्नोई और सहयोगियों के साथ-साथ गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, काला राणा, बिक्रम बराड़ और संपत नेहरा भी ड्रग्स की तस्करी के माध्यम से ऐसी सभी आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटा रहे थे। मामले में आगे की जांच की जा रही है।