देश के जाने-माने 500 से ज्यादा वकीलों ने चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत तमाम प्रमुख नाम शामिल हैं।
इन वकीलों ने चिट्ठी में न्यापालिका की अखंडता पर खतरे को लेकर चिंता जताई है। इन वकीलों का कहना है कि कुछ ‘खास समूह’ न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और कोर्ट के फैसलों पर असर डाल रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि यह समूह राजनीतिक एजेडों के साथ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और न्यायपालिका की छवि के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे राजनीतिक चेहरों से जुड़े केसों में यह हथकंडे जाहिर तौर पर दिखते हैं। ऐसे मामलों में अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के प्रयास सबसे अधिक स्पष्ट होते हैं।
पत्र में कहा गया है कि कुछ खास समूह कथित तौर पर झूठे नैरेटिव गढ़ कर न्यायपालिका के कामकाज की गलत छवि पेश करना चाहते हैं। यह समूह इस वक्त की अदालतों की तुलना कोर्ट्स के एक कथित ‘स्वर्णिम युग’ से करते हैं, ताकि न्यायिक फैसलों को प्रभावित किया जा सके और न्यापालिका पर जनता के विश्वास को डिगाया जा सके।