दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाईटेक तकनीक से लैस मजेंटा लाइन (Mangent Line) मेट्रो का उद्धाटन कर दिया है। मजेंटा लाइन सुनकर आपको लगे कि ये सिर्फ यहां के लिए स्पेशल है तो आप गलत है यहीं नहीं दिल्ली की दूसरी मेट्रो लाइन के नाम भी खूबसूरत रंगों पर आधारित हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में…
ब्लू लाइन के गेटों का प्रयोग
नोएडा से दिल्ली के कालका जी मंदिर तक जाने वाली मजेंटा लाइन बेहद खास है।
- देश में पहली बार जनकपुरी पश्चिम-बॉटेनिकल गार्डेन तक इस मजेंटा लाइन पर चालक रहित ट्रेन चलेगी।
- हालांकि फिलहाल दो वर्ष तक इसको मैन्यूली आपरेट किया जाएगा। वहीं मजेंटा लाइन के प्लेटफार्म पर प्रवेश के लिए 12 प्रवेश द्वार बनाए गए है।
- यात्रियों को यहां से निकलने के लिए ब्लू लाइन के गेटों का प्रयोग करना होगा।
ग्रे लाइन :- द्वारका से नजफगढ़ के बीच की मेट्रो लाइन को ग्रे लाइन से पहचाना जाता है।
ब्लू लाइन :- द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा सिटी सेंटर वैशाली तक है। यहां ब्लू लाइन वाली मेट्रो चलती है।
पिंक लाइन :- मुकुंदपुर से शिवविहार तक निर्माणाधीन मेट्रो पिंक लाइन से पहचानी जाती है।
रेड लाइन :- रिठाला से लेकर दिलशाद गार्डेन तक चलने वाली मेट्रो लाइन रेडलाइन से पहचानी जाती है।
ग्रीन लाइन :-कीर्ति नहर-मुंडका से मुंडका-बहादुरगढ़ तक चलने वाली मेट्रो की पहचान ग्रीन लाइन से होगी।
वायलेट लाइन :-आइटीओ-बदरपुर और फरीदाबाद की ये मेट्रो वायलेट लाइन से पहचानी जाती है।
ब्राउन लाइन :-मुकुंदपुर से शिव विहार कॉरीडोर के बीच की मेट्रो ब्राउन रंग यानी ब्राउन लाइन से पहचानी जाती है।
येलो लाइन :-समयपुर बादली से लेकर हुडा सिटी सेंटर तक की मेट्रो की पहचान येलोलाइन से होती है।
ये है वजह:-मेट्रो लाइन के नाम रंगों पर रखे जाने की मुख्य वजह यह है कि यात्रियों से लेकर विभागीय अधिकारी नंबरों की अपेक्षा इन्हें रंगों से आसानी से पहचान लेते हैं।