लॉक डाउन के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिहाड़ी पर काम करने वालों पर सबसे पहले धयान दिया था। इसमें मनरेगा मजदूरों व अन्य श्रमिको के खाते में तात्कालिक राहत के रूप में धनराशि भेजने का निर्णय शामिल था। अब इस पर अमल भी सुनिश्चित हो गया। मनरेगा के सत्ताईस लाख से अधिक श्रमिकों को देय छह सौ ग्यारह करोड़ रुपए की धनराशि उनके खातों में एकमुश्त हस्तांतरित कर दी गई है।
CM योगी ने कई लाभार्थियों से वीडियो काॅल के माध्यम से वार्ता की,उनकी कठिनाइयों की जानकारी प्राप्त की। ग्राम्य विकास विभाग तथा भारतीय स्टेट बैंक ने मिलकर यह प्रबंधन किया है। योगी ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत भारत सरकार ने मनरेगा श्रमिकों सहित सभी गरीब व्यक्तियों के लिए निशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक श्रमिक को तीन माह तक निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। लाभार्थी परिवार को एक किलो दाल भी निशुल्क उपलब्ध करायी जाएगी।
प्रदेश सरकार श्रमिकों को अगले महीने से निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने जा रही है। प्रधानमंत्री जनधन योजना की महिला खाताधारकों के खातों में अगले तीन महीनों के दौरान प्रतिमाह पांच सौ रुपए हस्तांतरित किए जाएंगे। उज्ज्वला योजना के परिवारों को अगले तीन महीनों में निशुल्क गैस सिलेण्डर देने की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार गरीबों,किसानों और मजदूरों की भलाई के लिए कटिबद्ध है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर के तिवारी,अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी,सूचना निदेशक शिशिर व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी नोडल अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ कर्तव्यों कर्तव्य निर्वाह का निर्देश दिया। नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लाॅक डाउन की स्थिति से प्रभावित व्यक्ति का फोन अवश्य रिसीव किया जाए। पीड़ित व्यक्ति की समस्या का उचित समाधान होना चाहिए। किसी भी दशा में कोई नागरिक भूखा नहीं रहना चाहिए। प्रत्येक जिले में कम्युनिटी किचन संचालित किए जा रहे है। जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम इसका निरीक्षण कर रही है।
मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन के पालन पर भी बल दिया। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के विषय में सभी को जानकारी देनी चाहिए। अपरिहार्य स्थिति में लोगों को गंतव्य तक पहुुंचाने के लिए सेनिटाइज बस का उपयोग किया जा रहा है।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री