लखनऊ। महाकुंभ पर लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह जनता का पैसा है, जिसे सरकार अपने प्रचार प्रसार के लिए सरकार सरकारी खजाने को खाली करके कर रही है।
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यह उत्सव केवल हिंदू वर्ग के लिए किया जा रहा है, जबकि भारत की संस्कृति सभी धर्म को लेकर है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जबकि सरकार सिर्फ एक धर्म और उनके वोट को लेकर कर रही है।
उन्होंने कहा, सरकार को बगैर भेदभाव के सभी धर्म को लेकर कार्य करना चाहिए, ना कि विशेष धर्म को लेकर। भारतीय जनता पार्टी इस उत्सव के नाम पर महज धर्म की राजनीति कर रही है, जिसका उदाहरण पूर्व में संभल और अजमेर की घटना में जनता ने देखा है।
श्री सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि इस प्रकार के आयोजनों को पार्टी को अपने फंड के द्वारा खर्च करना चाहिए ना कि सरकारी खजाने से। सुनील सिंह ने यह भी कहा है कि इस बार का कुंभ सिर्फ भाजपा समर्थित कुंभ का आयोजन मात्र दिख रहा है।जिसका इस्तेमाल भाजपा केवल धर्म के नाम पर वोट लेने के लिए कर रही है।
भाजपा, पूर्व में होने वाले कुंभ के विपरीत महाकुंभ को अपने लिए इस्तेमाल के तौर पर कर रही है और मात्र हिन्दुओं में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए आयोजन करके सरकार सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर रही है। ये एक धर्मिक उत्सव न होकर एक राजनैतिक उत्सव दिख रहा है। कुंभ के नाम पर देश और दुनिया भर से लोग यहां डुबकी लगाकर अपने पाप को धोलेंगे, लेकिन क्या किसी को माँ गंगा की फिक्र है? अपने पाप धोने के लिए बीजेपी चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, उसके पाप धुलने वाले नहीं हैं।
इससे अच्छा तो ये होता कि भजपा उतनी ही कोशिश ईमानदारी से बेरोजगारों को रोजगार देने, महंगाई पर काबू पाने, किसानों के फसलों का वाजिब मूल्य देने के काम पर करते तो शायद उन्हें कुंभ में डुबकी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों द्वारा इस प्रकार के उत्सव को मनाने व माँ गंगा में डुबकी लगाने से जनता का कोई लाभ होने वाला नहीं है।