बछरावां/रायबरेली। उच्चतम न्यायालय की नाराजगी के बाद हरकत में आया चुनाव आयोग कुछ कड़ाई पर उतर आया है उसके द्वारा आदेश जारी कर दिया गया कि बगैर कोविड-19 की जांच कराऎ किसी भी प्रत्याशी अथवा उसके एजेंट को मतगणना पास नहीं बनाया जाएगा इस आदेश के बाद बछरावां अस्पताल के अंदर भयंकर भीड़ लग गई। प्रशासन को कोविड-19 नियम पालन कराने में पसीने छूटने लगे।
डॉक्टर भी भीड़ देखकर कोरोना की भयानकता का अंदाजा लगाकर भयभीत हो उठे, डॉक्टरों का कहना था कि अगर इस भीड़ में पांच व्यक्ति भी पॉजिटिव होंगे तो अंजाम क्या होगा। परंतु जनपद के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के दो अलग-अलग आदेश प्रत्याशियों के बीच गूंज रहे थे दोनों ही आदेश 28 अप्रैल को जारी किए गए हैं, जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा कहां गया है की मतगणना एजेंट बनने के लिए कोविड-19 की जांच आवश्यक है।
परंतु मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा बताया गया है कि गणना अभिकर्ता बनने के लिए आरटी पीसीआर जांच आवश्यक नहीं है, एजेंटों के लिए सामाजिक दूरी व मास्क का प्रयोग आवश्यक होगा। कोविड-19 के लिए यह जांच तत्कालिक रिपोर्ट मिलने वाली है। ग्रामीण क्षेत्र का आम आदमी यह नहीं जानता कि अस्पताल में होने वाली जांच तथा इस जांच में क्या अंतर है। फिलहाल यह दोनों आदेश चर्चा का विषय बने हुऎ है कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है कि इन आदेशों में जरूर कोई समानता होगी जो वह समझ नहीं पा रहे हैं। फिलहाल प्रत्याशियों का कहना है की स्थिति अस्पष्ट की जाए।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा