उत्तराखंड के जोशीमठ पर संकट के बादल अभी छटे नहीं हैं। करीब 25,000 से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्र में काफी संख्या में होटल हैं। पिछले 15 दिनों से यहां मकानों और इमारतों के दरकने का सिलसिला जारी है। बता दें कि ये स्थान बद्रीनाथ और हेमकुंड जाने वाले यात्रिओं और पर्यटकों के लिए एक पड़ाव भी है।
जानकारी के मुताबिक स्थानीय विभागों ने जोशीमठ में मंगलवार को लाल निशान वाले होटलों और घरों को गिराने का काम शुरू हो गया। इन मकानों और होटलों में भूस्खलन और जमीन धंसने के कारण दरारें आ गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ध्वस्त किया जाएगा।
ध्वस्तीकरण के काम की निगरानी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की द्वारा की जा रही है। इसमें स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी लगाया गया है।
- केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि जोशीमठ के लोगों ने मेहनत की कमाई से घर तो बना लिया, लेकिन अब उन्हें छोड़ना पड़ रहा है। हमारी प्राथमिकता सभी को सुरक्षित रखना है। पीएम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारी तैनात, सेना से भी किया जा रहा है। पशुओं के लिए भी आश्रय बनाया जाएगा।
- उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि अब तक 678 इमारतों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। कई इमारतें खाली हो गई हैं, जबकि कई अभी भी खाली कराई जा रही हैं। एसडीआरएफ की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 1, पीएसी की 1 अतिरिक्त कंपनी और पुलिस अधिकारी वहां मौजूद हैं। जरूरत पड़ी तो कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा। इलाके का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है।
- केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ के सुनील वार्ड पहुंच तक आपदा से प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने आर्मी बेसकैंप में प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
- जोशीमठ क्षेत्र के पास नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) से संबंधित निर्माण कार्यों के खिलाफ गुस्साए स्थानीय लोगों ने विरोध किया। लोगों का आरोप है कि इसी कारण शहर पर आपदा आई है।
- जोशीमठ जिला प्रशासन की ओर से असुरक्षित चिह्नित किए गए अपने घरों को छोड़कर जाते समय लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। यहां रहने वाली एक महिला बिंदु ने बताया कि यह मेरा मायका है। 19 साल की उम्र में मेरी शादी हुई थी। मेरी मां 80 साल की हैं और मेरा एक बड़ा भाई है। हमने मेहनत और कमाई करके यह घर बनाया है। हम यहां 60 साल रहे, लेकिन अब खत्म हो रहा है।
- जोशीमठ के होटल मलारी इन को तोड़ने का काम जल्द शुरू होने वाला है। मौके पर एसडीआरएफ तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट किया जा रहा है। बता दें कि विशेषज्ञों ने होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद ध्वस्त करने का फैसला किया। मौके पर बुल्डोजर पहुंच चुके हैं।
- उत्तराखंड के जोशी में मकानों और इमारतों में दरारें आने का सिलसिला जारी है। एएनआई के मुताबिक शहर में अबतक 678 इमारतों में दरारों का आंकड़ा सामने आया है। यह आंकड़ा उत्तराखंड शासन की ओर से दिया गया है।
- केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट उत्तराखंड के जोशीमठ पहुंचे। जोशीमठ के हालात को लेकर आर्मी बेस में प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
- जोशीमठ की जमीन धंसने की घटना से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि देश में महत्वपूर्ण सब कुछ सर्वोच्च न्यायालय में नहीं आ सकता है। कोर्ट 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा।
#JOSHIMATHISSINKING मामले में तत्काल सुनवाई नहीं। सुप्रीम कोर्ट 16 जनवरी को सुनवाई करेगा।
CJI की टिप्पणी- लोकतांत्रिक देश में हर मामले को कोर्ट लाने की ज़रूरत नहीं है। जनता द्वारा चुनी कई संस्थाए हैं जो इसे देख सकती हैं!
- मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि अगर जनहित में गिराया जा रहा है तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं, भले ही मेरे होटल में आंशिक दरारें ही क्यों न हों। लेकिन मुझे नोटिस दिया जाना चाहिए था और मूल्यांकन किया जाना चाहिए था। मैं मूल्यांकन के लिए आग्रह करता हूं, मैं छोड़ दूंगा।
- चमोली के जिलाधिकारी बोले- असुरक्षित जोन के तहत चिह्नित भवनों को खाली करा दिया गया है। इसके आसपास के बफर जोन को भी खाली कराया जा रहा है। आज सीबीआरआई, रुड़की से एक टीम यहां आएगी और वे उन भवनों की पहचान करेगी, जिन्हें गिराने की आवश्यकता है और उनके मार्गदर्शन में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की समस्या के बीच कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर में भी कुछ मकानों में दरार देखने को मिली।