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रेल सुधार पर भी गहरी नजर रखते थे मनमोहन सिंह; बुलेट ट्रेन और कवच को लेकर ये दिया था आइडिया

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने भी उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली एम्स लाया गया था।

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हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने मई 2014 तक इस पद पर दो कार्यकाल पूरे किए थे। वे देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे। मनमोहन सिंह के निधन के चलते केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं।

मनमोहन सिंह

मनमोहन का पार्थिव शरीर कल कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। जानकारी के मुताबिक, मनमोहन का अंतिम संस्कार कल होगा। उनकी बेटियां आज शाम तक अमेरिका से भारत आ जाएंगी। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के कार्यक्रम 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे।

डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल ने से चर्चा में कहते है, उनका फोकस हमेशा से आम यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं पर होता था। वे हमेशा मुझसे कहते थे कि ट्रेनों में यात्रियों को सुविधा मिले, टॉयलेट साफ सुथरे रहे और पैसेंजर्स की यात्रा सुरक्षित हो यह हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता रहे।

वे लगातार यूपीए सरकार में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट्स की न केवल समीक्षा करते थे। बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों से सुझाव भी लेते थे। वे इस दौरान साफ कहते थे कि अपने विचार भी खुल कर रखे। आप लोग ग्राउंड स्थिति मुझसे बेहतर जानते है।

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