लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में गोदरेज के सहयोग से संचालित सहयोगी संस्था पाथ-सेंटर फॉर हेल्थ एंड रिसर्च इनोवेशन (सीएचआरआई) के सहयोग से आंचलिक विज्ञान केंद्र में शनिवार को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संयुक्त निदेशक डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि मात्र प्लेटलेट कम होने से डेंगू साबित नहीं होता, किसी भी बुखार में रोगी में प्लेटलेट कम हो सकती हैं इसलिए जरूरी है कि डेंगू की जांच करवाई जाए। डेंगू की जांच में एलाइजा विधि सबसे सही है। यदि कोई रोगी एलाइजा विधि से डेंगू धनात्मक पाया जाता है तो ही उसे डेंगू का रोगी कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा संक्रामक रोगों, खासकर डेंगू को नियंत्रित करने के लिए समुदाय और सभी विभागों को आगे बढ़कर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि हम सही मायने में डेंगू रोग को नियंत्रित कर सकें। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने कहा कि संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया मच्छरजनित बीमारियां हैं। इनसे बचाव तभी हो सकता है जब हम मच्छरों की उत्पत्ति को रोकें। डेंगू एडीज मच्छर से होता है।
इसके लार्वा साफ पानी में पनपते हैं. घरों में कूलर, ड्राइंग रूम में रखे बैम्बू ट्री और मनी प्लांट के साफ पानी में इसके लार्वा पनपते हैं। ड्राइंग रूम में रखे पौधों से केवल आप और परिवार ही नहीं बल्कि मेहमान भी इस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा फ्रिज, गमलों की प्लेटें, टूटे टायर, पुराने टूटे बर्तन में इकट्ठा पानी लार्वा पनपने का स्रोत हो सकता है। हर सप्ताह इनका पानी बदलें। कूलर को अच्छे से पोंछकर और सुखाकर रखें।
डेंगू के मच्छर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक चम्मच पानी में भी इसका लार्वा पनप सकता है। इसलिए कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। अपने घरों को तो सुरक्षित रखें साथ में घर के आस-पास भी साफ सफाई रखें। अपने पड़ोसियों को भी जानकारी दें। हम सभी के सहयोग से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को नियंत्रित कर सकते हैं।
पाथ के डॉ. अर्पित पटनायक ने कहा कि डेंगू के खात्मे और रोकथाम के लिए यह आवश्यक है कि समुदाय आगे बढ़ कर अपनी जिम्मेदारी को समझें और घरों में ऐसे स्थानों को जहां पर मच्छर पनप सकते हैं ऐसे सभी पत्रों और स्थानों को नष्ट कर दें और मच्छरों को पनपने ही ना दें ताकि डेंगू को खत्म किया जा सके। गोदरेज के सहयोग से संचालित पाथ-सीएचआर आई द्वारा संवेदीकरण बैठक का आयोजन किया गया है, डेंगू और संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए आगे भी ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाता रहेगा।
सहयोगी संस्था एंबेड द्वारा स्टॉल लगाकर लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसे संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया गया। उन्होंने उपस्थित बच्चों को गतिविधियों के माध्यम से संचारी रोगों पर जानकारी दी। उनके द्वारा लगाए गए सेल्फी प्वाइंट पर लोगों ने सेल्फी खिंचवाई और डेंगू को खत्म करने की शपथ भी ली। इस मौके पर पाथ सी एच आर आई की स्टेट टीम से डॉ अमृत शुक्ला, डॉ शिवानी सिंह, सीएचआरआई से आईवीएम कोऑर्डिनेटर आशीष कुमार वर्मा, सीताराम चौधरी, निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी राहुल कुमार, पाथ से सर्विलांस एसोसिएट भानू शुक्ला, एंबेड से जिला प्रतिनिधि धर्मेंद्र और उनकी टीम तथा आरडब्ल्यूए के 182 सदस्य उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर