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ठेकेदार आत्महत्या केस में प्रियांक खरगे की प्रथम दृष्टया कोई भूमिका नहीं, मंत्री परमेश्वर का बयान

बंगलूरू। कर्नाटक के बीदर में एक ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में भाजपा की तरफ से मंत्री प्रियांक खरगे के इस्तीफे की मांग के बीच कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बुधवार को पुलिस विभाग का हवाला देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले में प्रियांक खरगे की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सीआईडी की जांच रिपोर्ट से सच्चाई सामने आ जाएगी।

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ठेकेदार ने छोड़ा है सात पन्नों का एक नोट

बता दें कि, आत्महत्या करने वाले ठेकेदार ने सात पन्नों का एक नोट छोड़ा है, जिसमें उसने एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाए हैं, जो प्रियांक खरगे का सहयोगी बताया जा रहा है। वहीं इस मामले में भाजपा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को प्रियांक खरगे से तुरंत इस्तीफा मांगना चाहिए और मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए 4 जनवरी की समय सीमा तय की है। ऐसा न करने पर पार्टी ने कलबुर्गी में एक बड़ी रैली आयोजित करने के बाद मंत्री के आवास का घेराव करने की धमकी दी है।

ठेकेदार ने 26 दिसंबर को की थी आत्महत्या

26 वर्षीय ठेकेदार सचिन मोनप्पा पंचाल ने 26 दिसंबर को ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रियांक खरगे के करीबी सहयोगी राजू कपनूर ने ठेका देने के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।

नोट में सात अन्य लोगों के नाम भी थे, जिन पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बावजूद ठेका न देकर धोखाधड़ी करने का आरोप था। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि 1 करोड़ रुपये न देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। सुसाइड नोट के आधार पर विधायक बसवराज मट्टीमाडु समेत कुछ भाजपा नेताओं की हत्या की सुपारी देने के आरोप में शनिवार को कलबुर्गी में कपनूर और पांच अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

‘मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के निर्देश मानती है पुलिस’

वहीं भाजपा एमएलसी सीटी रवि की तरफ से पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर आरोप लगाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कि पिछले महीने बेलगावी में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के निर्देश पर काम करते हुए, गृह मंत्री ने कहा, डीजीपी इसका जवाब देंगे।

उन्होंने कहा, ‘पुलिस आमतौर पर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के निर्देशों का पालन करती है। उनके लिए दूसरों के निर्देशों का पालन करना संभव नहीं होगा। उन्होंने (रवि) आरोप लगाए हैं, डीजीपी इसका जवाब देंगे।’

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