महाकुंभ के निमंत्रण के साथ कुम्भ कलश और प्रतीक चिह्न भेंट किया, मुख्यमंत्री सहित कर्नाटकवासियों को महाकुंभ में भाग लेने का दिया न्योता
लखनऊ। प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा देशभर में व्यापक स्तर पर आमंत्रण भेजने की प्रक्रिया जारी है।
इसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बेंगलुरु में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ 2025 का निमंत्रण पत्र, कुम्भ कलश, और कुम्भ प्रतीक चिह्न भेंट किया और मुख्यमंत्री सहित कर्नाटकवासियों को महाकुंभ में भाग लेने का न्योता दिया।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से बातचीत के दौरान महाकुंभ की पौराणिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह आयोजन केवल स्नान और पूजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का जीवंत उदाहरण है। इस बार का महाकुंभ पहले से अधिक स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और भव्य होगा।
नरेंद्र कश्यप ने महाकुंभ की दिव्यता पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह आयोजन भारतीय सभ्यता के गौरव को पूरी दुनिया में पुनर्स्थापित करने का माध्यम है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात के बाद दोनों मंत्रियों ने बेंगलुरु स्थित पेरिस परिसर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के निवासियों को महाकुंभ 2025 में आने का आमंत्रण दिया। मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि एक ऐसा पर्व है जो सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करता है। प्रयागराज का त्रिवेणी संगम हमेशा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्रतीक रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि इस बार का महाकुंभ कर्नाटकवासियों के लिए भी विशेष होगा।
नरेंद्र कश्यप ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस आयोजन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। हर कर्नाटकवासी को इस अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
मंत्रियों ने बताया कि महाकुंभ 2025 को ‘दिव्य, भव्य, और डिजिटल’ बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं। डेढ़ लाख शौचालय, 5000 यूरिनल, और 350 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। तीन लाख पौधों का रोपण और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष ऐप, क्यूआर कोड आधारित पास, और बहुभाषी डिजिटल साइनेज जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रयागराज को सात स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा, जिसमें 2750 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी होगी। इस महाकुंभ में 10 हजार से अधिक संस्थाएं भाग लेंगी। 100 बेड का अस्पताल, 10 बेड के दो आईसीयू, और 3 लाख से अधिक लोगों को नेत्र कुंभ में मुफ्त चश्मे और दवा दी जाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई उद्धृत करते हुए कहा कि “‘चार पदारथ भरा भंडारू, पुण्य प्रदेश देश अति चारू’ – यह चौपाई प्रयागराज की महिमा को वर्णित करती है। कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का हमेशा से सांस्कृतिक संबंध रहा है।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता का वर्णन करते हुए कहा कि महाकुंभ में स्नान केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है जो आत्मा को शुद्ध करता है। यह आयोजन भारत के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को जोड़ता है। हम चाहते हैं कि कर्नाटक के लोग भी इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनें।
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मंत्रियों ने बताया कि महाकुंभ अब केवल भारत का ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण आयोजन बन गया है। यूनेस्को ने इसे विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है। इस बार 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है, जिसके लिए सभी व्यवस्थाएं पहले से की जा रही हैं।