कर्नाटक में कांग्रेस नेता के इस्तीफे से खाली हुई एकमात्र विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सीट पर भाजपा ने राज्य के उप-मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को टिकट दिया है. संख्या बल कम होने के कारण कांग्रेस ने उनके विरुद्ध उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि लक्ष्मण सावदी 17 फरवरी को निर्विरोध निर्वाचित होंगे. सावदी पिछले साल अगस्त में बगैर किसी सदन के सदस्य हुए उप-मुख्यमंत्री बने थे. नियमों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में 6 महीने के भीतर किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है.
ऐसे में कांग्रेस नेता रिजवान का इस्तीफा सावदी के लिए फायदेमंद साबित हुआ है. कांग्रेस-जद(एस) की सरकार को अस्थिर करने का इनाम देते हुए भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पिछले साल अगस्त में लक्ष्मण सावदी को उप-मुख्यमंत्री बनाया था. सावदी फिलहाल न विधानसभा या विधान परिषद में से किसी के भी सदस्य नहीं हैं. पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के एमएलसी रिजवान अरशद के शिवाजी नगर सीट से जीतने पर उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने राज्य में खाली हुई एकमात्र सीट के लिए अधिसूचना जारी की थी.
अधिसूचना के मुताबिक, 6 फरवरी तक नामांकन होंगे और 17 फरवरी को चुनाव होगा. अगर निर्धारित तिथि तक लक्ष्मण सावदी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतरा तो फिर चुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें निर्विरोध निर्वाचन का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. उल्लेखनीय है कि लक्ष्मण सावदी वही नेता हैं, जिन्हें 2012 में विधानसभा में ब्लू फिल्म देखते हुए पकड़ा गया था. उनके साथ पार्टी के ही दो और मंत्री केसी पाटिल और कृष्णा पालकर भी अश्लील वीडियो देखते कैमरे में कैद हुए थे. मामला सुर्खियों में आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. साल 2018 का विधानसभा चुनाव वह हार गए थे, मगर पिछले साल कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने पर बनी भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उन्हें अगस्त में डिप्टी सीएम बनाया था.