मोदी सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों की निगरानी, समन्वय और इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र’ (आईएन-स्पेस) के गठन का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां बुधवार को हुई बैठक में इसके संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
आईएन-स्पेस का एक संचालक मंडल (बोर्ड) होगा जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और निजी क्षेत्र के बीच समन्वय स्थापित करेगा. बोर्ड की रूपरेखा को आने वाले दिनों में अंतिम रूप दिया जाएगा. आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि वह अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र को अवसर प्रदान करेगी.
अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठक के बाद संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह एक “ऐतिहासिक एवं नई राह का सृजन करने वाला” फैसला है. 70 साल से देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बेहद गोपनीय रखा गया और निजी क्षेत्र को इससे दूर रखा गया. उन्होंने कहा कि आईएन-स्पेस देश के अंतरिक्ष क्षेत्र के बुनियादी ढांचों और परिसंपत्तियों का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करेगा. इससे देश में अंतरिक्ष क्षेत्र के वैज्ञानिकों एवं अन्य विशेषज्ञों को रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे जिससे ब्रेनड्रेन रोकने में भी मदद मिलेगी.