नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सोमवार को शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। जिसके चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर, महंगाई और चीन से जुड़े मामले और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी और जनसंख्या नीति के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस, टीएमसी, बसपा और अकाली दल के सांसदों ने जमकर नारेबाजी की और सदन के वेल में पहुंच गए। मजबूरन सभापति ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं हंगामे के चलते राज्यसभा में भी अभिनेता दिलीप कुमार और खिलाड़ी मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।
दोबारा जब 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्थगन के बाद तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा कि वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है। इसके बाद विपक्ष ने एक बार फिर से हंगामा शुरू कर दिया। जिससे लोकसभा को 3.30 बजे और राज्यसभा को तीन बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद तीन बजे राज्यसभा और 3.30 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई लेकिन इस बार भी विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पीएम ने विपक्ष को महिला और दलित विरोधी बताया
लोकसभा में मंत्रियों का परिचय कराने के दौरान पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। आज इस सदन में महिलाएं जो मंत्री बनी हैं, उनका परिचय हो रहा है। यह कौन सी महिला विरोधी मानसिकता है। पीएम मोदी ने कहा,खुशी की बात है कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है।
कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश
केंद्र की मोदी सरकार ने इस सत्र में ‘बिजली (संशोधन) बिल’ लाने का फैसला किया है। इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे।एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था, जिसके जरिये रक्षा सेवाओं में शामिल किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है। आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है। संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार संसद सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी।
थरूर ने कहा- संसद ‘नोटिस बोर्ड’ नहीं
कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि हमें कोरोना कुप्रबंधन, चीन, किसानों, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर सरकार हर दिन रचनात्मक चर्चा करने के लिए तैयार होगी तो संसद वैसे चलेगी, जैसे लोग उम्मीद करते हैं। सरकार संसद को नोटिस बोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है।
विपक्ष ने सालों पुरानी परंपरा तोड़ी : पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के पहले दिन विपक्ष ने जो किया वह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक परंपरा जो सालों से चली आ रही है, आज पहली बार तोड़ी गई। मंत्रिमंडल के बदलाव को लेकर सदन से उन्हें परिचित करने की परम्परा रही है। विपक्ष से देखा नहीं गया कि वंचित वर्ग के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पहली बार आदिवासी और महिला इतनी बड़ी तादाद में मंत्री बने। सदन में विपक्ष का बेवजह हंगामा, लोकतंत्र का अपमान है।