अमेरिका में सियासी पारा चढ़ने लगा है। इस साल राष्ट्रपति चुनाव होना है। सभी उम्मीदवार बढ़-चढ़कर प्रचार में लगे हुए हैं। मुंबई में जन्मीं मिनिता सांघवी भी अब न्यूयॉर्क राज्य के सीनेट के लिए मैदान में उतर गई हैं। उन्होंने इसके लिए एक अभियान शुरू किया है।
राष्ट्र, समाज, नागरिक अधिकारों का हित ही पत्रकारों का काम: रास बिहारी
बता दें, पिछले साल ही अमेरिका के स्किडमोर कॉलेज की प्रोफेसर मिनिता दूसरी बार साराटोगा स्प्रिंग्स में कमिश्नर के पद के लिए चुनी गई थीं। 2001 में मुंबई से अमेरिका जाकर बसीं मिनिता समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करती हैं।
44वें जिले से चुनाव लड़ रही
46 वर्षीय डेमोक्रेट ने सोमवार को बताया कि वह नवंबर में 44वें जिले से चुनाव लड़ रही हैं और यह सीट लंबे समय से रिपब्लिकन जिम टेडिस्को के पास है। उन्होंने कहा कि 73 साल के टेडिस्को बुनियादी मुद्दों की अनदेखी कर रहे हैं। मिनिता ने कहा कि वह पहले समुदाय को रखना चाहती हैं। उन्हें राजनीति नहीं करनी। सांघवी ने कहा, ‘मैंने देश और राज्य के साथ काम किया है। जब किसी तरह की परेशानी सामने आती है और समाधान की जरूरत होती है तो मेरे पास इनका उपाय होता है। जबकि टेडिस्को के हाथ खाली होते हैं। उनके पास कोई समाधान नहीं होता है।’ उन्होंने
हमें एक नवाचार गलियारे की आवश्यकता
उन्होंने कहा, ‘जिले में विकास हो रहा है। हमें एक नवाचार गलियारे की आवश्यकता है। हमें अपने जिले के विकास के लिए नए विचारों की आवश्यकता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि एक मां के रूप में, बंदूक की सुरक्षा उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास बंदूकें हैं, वे इसके बारे में भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई सुधार का मामला नहीं है, लेकिन एक मां के रूप में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
मैं रिपब्लिकन नेताओं के बताए…
सांघवी की घोषणा के बाद से रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्षों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें आयुक्त पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्होंने अभी शपथ ली है और अब वह दूसरे पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। इस पर सांघवी ने सोमवार को कहा कि वह रिपब्लिकन पार्टी के लोगों को यह तय नहीं करने देंगी कि वह कब और क्या करें।