किर्गिज़ गणराज्य के बिश्केक में एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद के 22वें सत्र को विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने संबोधित किया। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दौरे पर पहुंचे थे।
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विदेश मंत्री ने अपने संबोधन से जुड़ी प्रमुख बातों को ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा एससीओ को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करके, एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करके और आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करके क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। भारत स्थायी, पारस्परिक रूप से लाभप्रद और वित्तीय रूप से व्यवहार्य समाधानों के लिए सदस्य देशों के साथ साझेदारी करने का इच्छुक है।
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समूह एवं क्षेत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं को दर्शाते हुए उन्होंने कहा जैसे-जैसे सीमा पार ई-कॉमर्स बढ़ रहा है, हमें सामूहिक रूप से बड़े और छोटे विक्रेताओं के बीच समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और विश्वसनीय उपभोक्ता संरक्षण तंत्र