काकोरी की राष्ट्रीय घटना को लूट कांड कहना गलत था। यह शब्द अंग्रेजों ने दिया था। स्वतन्त्रता के बाद भी यही चलता रहा। ब्रिटिश दासता के दौरान काकोरी में सरकारी खजाने पर अधिकार मात्र नहीं किया गया था। बल्कि यह ब्रिटिश सत्ता को चेतावनी भी थी। क्रांतिकारी सरकारी खजाने पर कब्जा करके ब्रिटिश सत्ता को सीधी चुनौती देना चाहते थे। उनका मानना था कि इस खजाने पर विदेशियों का नहीं भारतीयों का अधिकार है। क्योंकि भारतीयों द्वारा दिये गए कर व लगान से ही इसे संग्रहित किया गया है।
योगी सरकार ने काकोरी कांड का नाम बदलकर काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया है। सरकार का मानना है कि कांड शब्द भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तहत इस घटना के अपमान की भावना को दर्शाता है। इस वजह से इसका नाम बदला गया है। काकोरी के क्रांतिकारी जानते थे कि इसके बाद ब्रिटिश सत्ता उन्हें जीवित नहीं रहने देगी। फिर भी वह इसके माध्यम से देश को जागरूक बनाना चाहते थे। इसके अलावा अंग्रेजो के विरुद्ध संघर्ष के लिए धन की भी आवश्यकता थी।
इसके लिए राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। राजेंद्रनाथ लाहिरी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी पैसेन्जर ट्रेन को चेन खींच कर रोका था। राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाख उल्ला खां,पंडित चंद्रशेखर आजाद व अन्य सहयोगियों की सहायता से खजाने पर अधिकार कर लिया था। अंग्रेजी सत्ता ने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के चालीस क्रान्तिकारियों पर मुकदमा चलाया था। जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी,पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड सुनायी गयी।
इस प्रकरण में सोलह अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम चार वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी की सजा दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय इतिहास की शौर्य गाथाओं से राष्ट्रीय स्वाभिमान के जागरण का सन्देश देते है। उनका कहना है कि विदेशी दासता से मुक्ति हेतु महान सेनानियों के बलिदान से सदैव प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोच्च माना। भारत माता को स्वतन्त्र कराने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। वर्तमान पीढ़ी को ऐसे प्रसंगों से अवगत कराने के लिए ही योगी आदित्यनाथ ने चौरी चौरा घटना के शताब्दी समारोह का आयोजन कराया था।
इस आयोजन से अनेक ऐसे तथ्य प्रकाश में आये,जिन्हें इतिहास में समुचित स्थान नहीं मिला। चौरी चौरा के आसपास रहने वाले किसान ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध आंदोलन कर रहे थे। घटना के बाद बड़े पैमाने पर किसानों का उत्पीड़न किया गया। मदन मोहन मालवीय ने आरोपियों के बचाव हेतु मुकदमा लड़ा था। योगी आदित्यनाथ ने चौरी चार घटना का शताब्दी समारोह पूरे प्रदेश में गरिमा के साथ आयोजित कराया था। इससे युवाओं व विद्यार्थियों को जोड़ने के भी प्रयास किये गए थे। इसी प्रकार काकोरी घटना को भी योगी आदित्यनाथ गरिमा के साथ आयोजित कराने को महत्व देते रहे है।
इस बार भी उन्होने इसके दृष्टिगत अधिकारियों को पहले से ही निर्देशित कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नौ अगस्त को अगस्त क्रांति व काकोरी की घटना के दृष्टिगत प्रदेश के शहीद स्मारकों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। पुलिस व सुरक्षा बलों के बैंड वादन सहित देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। शहीदों के परिवारीजनों को सम्मानित किया जाए। उनके इस निर्देश के अनुरूप प्रदेश में आयोजन किये गए। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल व योगी आदित्यनाथ ने काकोरी जाकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।काकोरी में इस मौके पर खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस दौरान किस्सागोई, तिरंगा यात्रा,फिल्म प्रदर्शनी समेत अन्य कार्यक्रम हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत अन्य कई अतिथि शामिल हुए। आनंदीबेन पटेल तथा योगी आदित्यनाथ ने आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन की श्रृंखला में काकोरी एक्शन ट्रेन की वर्षगांठ के अवसर पर काकोरी शहीद स्मारक लखनऊ में वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया तथा स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित चित्र प्रदर्शनी म्यूरल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर आंनदीबेन पटेल ने कहा कि इस ऐतिहासिक घटना का साक्षी होना मेरे लिये गौरव की बात है। बचपन में पढ़ाई के समय स्वाधीनता संग्राम की इस घटना को पढ़ा था।
इस प्रकार की क्रांतिकारी घटनाओं के सम्बंध में स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिये। जिसे देशभक्ति की भावना कम ना हो। इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हम सभी को जाति धर्म से ऊपर उठकर देश के विकास के लिये कार्य करना चाहिये। देश के लिए कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए कि देश ने हमको क्या दिया। बल्कि यह सोचे कि हमने देश के लिये क्या किया। यदि हम किसी पर एक उंगली उठाते है तो तीन उंगली हमारी तरफ भी उठती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी का यह अमृत महोत्सव सभी को प्रेरणा दे रहा है।
चौरी चौरा से शुभारम्भ एवं वर्ष भर चलने वाले इस अमृत महोत्सव में आजादी के आंदोलन में शहीद होने वाले अमर सेनानियों को नमन है। आजादी का अमृत महोत्सव नये विचारों, संकल्पों तथा आत्म निर्भरता का महोत्सव है। आज काकोरी शहीद स्मारक पर यह आयोजन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, क्रांतिवीरों तथा सैनिकों को समर्पित है। जिनके बलिदान से देश की आजादी व हमारी सीमाएं सुरक्षित है। देश अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी नही झुका। प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम ने अंग्रजों की नींव हिला दी थी। क्रांतिकारियों की सभी घटनायें इस बात की याद दिलाती है कि हम एकजुट होकर, जाति धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र धर्म से जुड़े और एक आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करे।