- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, August 05, 2022
उत्तर प्रदेश। भारतीय रेल और चाय का रिश्ता भी बहुत पुराना है। 1881 में बनी ‘इंडियन टी असोसिएशन’ ने भारत में चाय को प्रचलित करने के लिए रेल का ही सहारा लिया। पहले विश्व युद्ध के बाद बंगाल, पंजाब और उत्तर पश्चिम के स्टेशनों में मुफ़्त चाय पिलाने का चलन शुरू हुआ।
जानकार बताते है, सन 1900 तक भारतीय लोगों को चाय का स्वाद नहीं लगा था, लेकिन बीसवीं सदी का अंत आते आते भारतीय लोग अपने देश में पैदा हुई 70 फ़ीसदी चाय खुद पीने लगे थे। उत्तरी भारत के रेलवे स्टेशनों में अभी भी यात्री की आँख खुलते ही पहली आवाज़ उसके कान में गूंजती है, ‘चाय गरम।’
रिपोर्ट – दयाशंकर चौधरी