लखनऊ। रेल मंत्रालय ने स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Station Yojana) के नाम से एक नई नीति तैयार की है। इसके अंतर्गत दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लगातार स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। यह स्टेशन की आवश्यकताओं के अनुसार दीर्घकालिक मास्टर प्लान तैयार करने और मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है। इस विकास योजना के अन्तर्गत स्टेशनों को शहर के मुख्य स्थान के रूप में विकसित किए जाने की परिकल्पना है। रेल यात्रियों को सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करने हेतु हितधारकों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा गया है।
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इसी परिप्रेक्ष्य में पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के लखनऊ-मैलानी प्रखण्ड पर स्थित गोला गोकर्णनाथ स्टेशन (Gola Gokarnath station) को अमृत भारत योजना के अन्तर्गत लगभग छः करोड़ की लागत से नयी सुविधाओं के साथ ही पुरानी सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया जायेगा, जिसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है तथा इसी लक्ष्य के साथ चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा।
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इस कार्य योजना के अन्तर्गत गोला गोकर्णनाथ के मुख्यप्रवेश द्वार के सरकुलेटिंग एरिया के विकास तथा स्थानीय कला एवं संस्कृति को शामिल करते हुए स्टेशन का सौंदर्यीकरण, प्लेटफार्म सरफेस’ का अपग्रेडेशन, स्टेशन फसाड तथा स्टेशन परिसर में उन्नत लाईटिंग, कोच गाइडेंस सिस्टम, ट्रेन डिस्पले बोर्ड, डिजिटल घड़ियां, यात्री उद्घोषणा प्रणाली, सोलर प्लांट, वाटर कूलर, एयर कंडीशनर तथा विभिन्न यात्री सुविधाओं से संबंधित ग्लोसाइन बोर्ड (साइनएज), एलईडी स्टेशन नाम पट्टिकाओं तथा स्टेशन पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय व शौचालयों का आधुनिकीकरण इत्यादि कार्य सम्पन्न किए जायेगें। उपरोक्त कार्याे को कराने हेतु निविदाएं खोली जा चुकी है।
लखनऊ-मैलानी रेलखण्ड पर स्थित गोला गोकर्णनाथ रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 2500 यात्रियों का आवागमन होता है। स्टेशन पर यात्रियों के आवागमन हेतु 01 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस टेªन तथा 02 जोड़ी सवारी गाड़ियों की सुविधा प्राप्त है। यह स्टेशन यात्री सुविधा ग्रेड एचजी-6, ब्राड गेज लाइन का हाल्ट स्टेशन है। गोला गोकर्णनाथ, जिसे गोला भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित एक नगर है।
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यह एक तीर्थस्थल है, जिसे “छोटी काशी” भी कहा जाता है। रेलवे स्टेशन से गोला गोकर्णनाथ मंदिर परिसर की दूरी 300 मीटर है। यहाँ के बड़े से सरोवर के किनारे श्रीगोकर्णनाथ महादेव का बड़ा मंदिर है। 7 किलोमीटर की परिधि में 5 प्राचीन कुंड हैं, जहाँ हर कुंड के पास शिवालय हैं। गोकर्णनाथ महादेव के अलावा अन्य 4 शिव मंदिर हैं- देवेश्वर महादेव/गदेश्वर महादेव/बटेश्वर महादेव और स्वर्णेश्वर महादेव मन्दिर।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी