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कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद उपभोक्ताओं को नहीं राहत: सुनील सिंह

लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने केन्द्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर मूल्य बढ़ौतरी के फैसले को जनविरोधी बताते हुये कहा कि जब कच्चे तेल की कीमतें पूरीदुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। उनका लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है। अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 23 डालर प्रति बैरल से भी कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के भाव आसमान छू रहे हैं और जनता को मंहगा ईधन खरीदने पर मजबूर होना पड रहा है।

विपदा के समय इस प्रकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक डकैती है। कोरोनामहामारी व गंभीर संकट के इस काल में पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं, पर इसके विपरीत केंद्रीय भाजपासरकार और राज्य सरकारें दोनों मिलकर प्रदेशवासियों और राज्य वासियों से मुनाफाखोरी व जबरन वसूली की हर रोज नई मिसाल पेश कर रही है। देश की जनता का खून चूसकर अपनाखजाना भरना कहां तक सही या तर्कसंगत है।

कच्चे तेल की कीमतों में कटौती के बाद सस्ते पेट्रोल डीजल की आस लगाये देषवासियों को केन्द्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल 82.30 और डीजल 79.00 प्रति लीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम जनता को फायदा पहुंचाने के बजाय बढोत्तरी की है जिससे सरकार को लगभग 40 हजार करोड रूपये का फायदा होगा और कच्चे तेल की कीमत कम होेने से सरकार को पहले ही 3.4 लाख करोड रूपये का फायदा हो चुका है।

सरकार के इस कदम से किसानों के साथ साथ आम लोगो पर इसका बुरा असर पडेगा। उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल करते हुये कहा कि जब कच्चे तेल की कीमत इतनी ज्यादा गिर चुकी है तो उपभोक्ताओं को राहत क्यों नहीं मिल रही है,? सरकार का यह कदम घोटाला, मंहगाई तथा भ्रष्टाचार को बढावा देने वाला है। सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी लाने के लिए रणनीति बनानी चाहिए जिससे आम जनता को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए।

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