अडानी समूह की कंपनी अडानी विल्मर 5,000 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी कर रही है. खाद्य तेल और फूड उत्पादों की यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली अडानी समूह की सातवीं कंपनी होगी. फॉर्च्यून तेल इसका सबसे मशहूर ब्रैंड है.
अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों ने हाल के वर्षों में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. इसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अडानी विल्मर के आईपीओ को निवेशक हाथोहाथ लेंगे. यह कंपनी अडानी ग्रुप और सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल के बीच की जॉइंट वेंचर है. विल्मर इंटरनेशनल एशिया की प्रमुख एग्री बिजनेस कंपनी है.
शुरू कर दिया काम
मिंट की एक खबर के अनुसार अडानी विल्मर ने इस आईपीओ के लिए जेपी मॉर्गन और कोटक महिंद्रा जैसे इनवेस्टमेंट बैंकर्स के अलावा कई लीगल एडवाइजर्स की सेवाएं ली हैं.
खबर के अनुसार, ‘उन्होंने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस तैयार करने पर काम शुरू भी कर दिया है.’ कंपनी नए शेयर जारी कर और अपने जेवी साझेदार के भी शेयर बेचकर शेयर बाजार से पैसे जुटाएगी.
क्या करती है कंपनी
गौरतलब है कि अडानी विल्मर के पास सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, राइस ब्रैन जैसे खाद्य तेल उत्पादों का सबसे बड़ा रेंज है. फॉर्च्यून तेल इसका सबसे मशहूर ब्रैंड है. कंपनी के 40 उत्पादन कारखाने हैं जिनका कुल मिलाकर हर दिन की 16,800 टन से ज्यादा की रिफाइनिंग क्षमता है. इसकी हर दिन 6,000 टन की सीड क्रशिंग क्षमता और 12,00 टन की पैकेजिंग क्षमता है.
गौरतलब है कि कोरोना संकट के बावजूद शेयर बाजार पिछले कई महीनों से अच्छी ऊंचाई पर बना हुआ है. इसकी वजह से लगातार कंपनियों के आईपीओ आ रहे हैं. जब कोई कंपनी शेयर बाजार से पैसा जुटाना चाहती है तो उसे आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ लाना पड़ता है. इसमें निवेशक आवेदन करते हैं. इसके बाद इस आईपीओ को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाता है और कंपनी के शेयरों की शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त शुरू हो जाती है.