- Published By- Shiv Pratap Singh Sengar Tuesday 22 February, 2022
सुलतानपुर। आज के समय में हर दिन एक नई तकनीक ईजाद हो रही है। यह तकनीक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कमाल दिखा रही है। इसी क्रम में संभावित क्षय या टी.बी. रोगी की पहचान के लिए भी Mobile App की नवीन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें संभावित रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर उससे टी.बी. की जाँच की जा रही है।
2025 तक देश से क्षय रोग को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयास
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में क्षय रोग की पहचान के लिए एक नई तकनीक का प्रयोग भी किया जा रहा है। इसमें फील्डी Mobile App का इस्तेमाल कर संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर जांच की जा रही हैं। आवाज़ के कई प्रकार के नमूने लेकर सभी को जाँचा जाता है। अभी इस तकनीक का ट्रायल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 60 से अधिक लोगों की आवाज़ का नमूना लिया गया है।
माइक्रोस्कोपी पॉजिटिव/निगेटिव, सीबी पॉजिटिव, एक्स-रे में पॉजिटिव- यानी, TB का ईलाज हो कर रहेगा
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक विवेक मिश्र ने बताया कि इस Mobile App के ज़रिए आवाज़ का सैंपल लेने में कई अलग-अलग संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लिए गए हैं। इसमें माइक्रोस्कोपी में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी में निगेटिव, लेकिन सीबी नॉट में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी और सीबीनॉट दोनों में निगेटिव लेकिन, एक्स-रे में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी, सीबीनॉट और एक्स-रे तीनों में निगेटिव, ऐसे मरीज़ जिनका टी.बी. का उपचार चल रहा है उनके परिवार के लोगों की आवाज़ का नमूना लिया गया है।
1-10 तक गिनती, अ, आ, इ, ई….तो ऐसे लिए जाते हैं नमूने
जांच के लिए आवाज़ के नमूने में एक से दस तक गिनती, हिंदी वर्ण माला के स्वर- अ, आ, इ, ई, आदि और खाँसने की आवाज़ शामिल है। खास बात यह है कि इसमें उन्ही लोगों की आवाज़ के नमूने लिए गए हैं जिनमें टी.बी. से मिलते-जुलते लक्षण हैं ।